सहारनपुर, एजेंसियां। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक बड़ा और अहम कदम उठाते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से खुद को अलग कर लिया है।
मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई वाला यह संगठन अब इन नेताओं के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। इस फैसले का ऐलान शुक्रवार को संगठन ने एक बयान के माध्यम से किया।
मौलाना मदनी का आरोप
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि ये नेता खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं, लेकिन सत्ता में बने रहने के लिए मौजूदा सरकार का समर्थन कर रहे हैं और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधे हुए हैं।
मदनी का आरोप है कि इन नेताओं ने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी की है। मौलाना अरशद मदनी ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि जमीयत अब इन नेताओं के कार्यक्रम, जैसे इफ्तार पार्टी, ईद मिलन और अन्य आयोजनों में शामिल नहीं होगी और इन नेताओं के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध-प्रदर्शन करेगी।
उनका कहना है कि मुसलमानों को जानबूझकर हाशिए पर धकेला जा रहा है। धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है और दंगों के जरिए मुस्लिम समुदाय को परेशान किया जा रहा है। लेकिन नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेता इस पर चुप हैं। यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
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