Maharashtra school:
मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूलों में भाषाई शिक्षा को लेकर नई शैक्षणिक नीति के तहत बड़ा फैसला लिया है। सरकार द्वारा जारी नवीनतम गवर्नमेंट रिजोल्यूशन (GR) के अनुसार अब हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राज्य की बहुभाषीय संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
Maharashtra school: तीसरी भाषा होगी हिंदी
GR में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूलों में पहली और दूसरी भाषा के बाद अब हिंदी तीसरी अनिवार्य भाषा होगी। हालांकि यदि कोई छात्र या छात्र समूह किसी अन्य भाषा (जैसे संस्कृत, गुजराती, उर्दू, आदि) को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ना चाहता है, तो स्कूल को कम से कम 20 इच्छुक छात्रों की आवश्यकता होगी तभी वह विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा।
Maharashtra school:सरकार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया ?
सरकार का यह निर्णय राज्य के शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने और छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर संवाद सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे छात्रों को हिंदी भाषा में दक्षता मिलेगी, जो उन्हें आगे चलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर विकल्पों में भी मदद करेगी। राज्य सरकार ने सभी शासकीय, अनुदानित और निजी स्कूलों को GR का पालन करने का निर्देश दिया है। इस निर्णय के बाद महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षणिक सामग्री की व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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