नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने सभी जजों को सलाह दी है कि अनावश्यक कमेंट से बचें। लापरवाह तरीके से किए गए कमेंट किसी व्यक्ति का पक्षपात पूर्ण नजरिया बताते हैं, खासतौर से तब जब वे किसी जेंडर या कम्युनिटी पर किए गए हों।
सुनवाई के दौरान जज ऐसे कमेंट से बचें, जो किसी समुदाय के खिलाफ हों या उसे नुकसान पहुंचाने वाला हो।
सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कर्नाटक हाईकोर्ट के एक कमेंट के आलोक में कहा, जिसमें राज्य के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के अंदर किसी भी हिस्से को हम पाकिस्तान नहीं कह सकते।
व्यवहार इस दौर के मुताबिक चलना चाहिए
इस केस को हम बंद कर रहे हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक एज के दौर में न्यायाधीशों और वकीलों को उचित कमेंट करना चाहिए और अपने व्यवहार को इस दौर के मुताबिक ढालना चाहिए।
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