कहा- यह अमानवीय, मुआवजा दिया जाए
नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी को मकान गिराने पर फटकार लगाई और इसे अमानवीय बताया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने कहा- देश में लोगों के रिहायशी घरों को इस तरह से नहीं गिराया जा सकता है। इसने हमारी अंतरआत्मा को झकझोर दिया है।
मामला 2021 से जुडा:
प्रयागराज प्रशासन ने 2021 में गैंगस्टर अतीक की प्रॉपर्टी समझकर एक वकील, प्रोफेसर और 3 अन्य के मकान गिरा दिए थे। सुप्रीम कोर्ट में वकील जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों ने याचिका दाखिल की थी। ये वो लोग हैं, जिनके मकान तोड़े गए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकी याचिकाएं ठुकरा दी थीं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।
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