नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय महिला टीम की दिग्गज खिलाड़ी वंदना कटारिया ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया और कहा कि अपने 15 वर्ष के सुनहरे करियर के शिखर पर वह विदा ले रही हैं।
भारत के लिये 320 मैच खेल चुकी 32 वर्ष की स्ट्राइकर कटारिया ने भारतीय महिला हॉकी के इतिहास में सबसे ज्यादा मैच खेले हैं। उनके नाम 158 गोल भी दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि आज भारी लेकिन कृतज्ञ मन से मैं अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से विदा ले रही हूं।
यह फैसला सशक्त करने वाला और दुखी करने वाला दोनों है। मैं इसलिए नहीं हट रही हूं क्योंकि मेरे अंदर की आग मंद पड़ गई है या मेरे भीतर हॉकी नहीं बची है बल्कि इसलिए क्योंकि मैं अपने करियर के शिखर पर संन्यास लेना चाहती हूं, जबकि मैं अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हूं।’
उन्होंने कहा,‘यह विदाई थकान की वजह से नहीं है। यह अंतर्राष्ट्रीय मंच को अपनी शर्तों पर छोड़ने का एक विकल्प है, मेरा सिर ऊंचा रहेगा और मेरी स्टिक अभी भी आग उगल रही होगी। भीड़ की गर्जना, हर गोल का रोमांच और भारत की जर्सी पहनने का गर्व हमेशा मेरे मन में गूंजता रहेगा।’
2009 में सीनियर टीम में पदार्पण करने वाली कटारिया टोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम का हिस्सा थी जिसमें उन्होंने हैट्रिक भी लगाई। ऐसा करने वाली वह पहली और इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
स्टिक उठाकर नहीं रखूंगी, खेलती रहूंगी
उन्होंने कहा,‘लेकिन मेरी कहानी यहां खत्म नहीं होती। यह नयी शुरूआत है। मैं हॉकी उठाकर नहीं रखूंगी। मैं खेलती रहूंगी । हॉकी इंडिया लीग में और उसके अलावा भी। टर्फ पर अभी भी मेरे कदम पड़ेंगे और खेल के लिये मेरा जुनून कम नहीं होगा।
इसे भी पढ़ें
भारत को झटका, वाइस कैप्टन वंदना कटारिया हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर से बाहर