Nag Panchami 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व और पूजा विधि विशेष रूप से माना जाता है क्योंकि इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर व्रत रखकर रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय व जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को समृद्धि एवं सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शिव योग और रवि योग का शुभ संयोग:
इस बार नाग पंचमी पर शिव योग और रवि योग का संयोजन बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ा देता है। साथ ही, सावन का मंगलवार होने के कारण मंगला गौरी व्रत का विशेष संयोग भी बन रहा है। ऐसे में यह दिन पूजा और जप तप के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
नाग पंचमी का पौराणिक महत्व:
बता दें कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है, और सर्पदंश का भय दूर होता है। इस दिन की पूजा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। यह मान्यता है कि आस्तिक मुनि ने यज्ञ के दौरान नागों को दूध से अभिषेक किया, जिससे नागों को शीतलता मिली और वे आशीर्वाद देने के लिए तैयार हुए। ऐसा विश्वास है कि जो व्यक्ति इस दिन नागों की पूजा करता है, उसे सर्पदंश का डर नहीं रहता।

नाग पंचमी के दिन ध्यान रखने योग्य बातें:
नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध और लावा अर्पित करना शुभ माना जाता है। यदि दूध अर्पित करना संभव न हो, तो एक शांत स्थान पर कटोरी में दूध और लावा रखकर पूजा करें।
इस दिन भूलकर भी किसी सर्प की हत्या न करें। यदि सर्प दिखाई दे, तो उसे प्रणाम कर रास्ता बदलें।
घर में रुद्राभिषेक करना और भगवान शिव को नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाना भी विशेष फलदायक होता है।
कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो तो इस दिन नाग पूजा करने से लाभ मिल सकता है, खासकर यदि कालसर्प दोष हो।
इस साल नाग पंचमी पर बन रहे शुभ योग और धार्मिक महत्व के कारण, यह पर्व विशेष रूप से फलदायक और शुभ होगा।
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