रांची। बीते गुरुवार को रांची में अपराधियों ने दिन दहाड़े कोयला कारोबारी अभिषेक श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी। जिस तरीके से कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया, उसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी। इससे कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया। कहा जा रहा है कि अभिषेक को उग्रवादी संगठन पीएसएफआइ से धमकी मिल रही थी।
बीते दिसंबर माह के दूसरे हफ्ते में ही संगठन ने अभिषेक से मोटी रकम की मांग की थी, जिसे उसने देने से मना कर दिया था। इतना ही नहीं, इसके बाद उसने पिपरवार थाना में मामले को लेकर एफआइआर भी दर्ज करा दी थी। इसके बाद मामले में पुलिस पीएसएफआइ संगठन के जयमंगल नामक नक्सली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
जेल तक पहुंचे हत्या के तार
अब पुलिस की जांच में इस हत्या के तार एक बार फिर जेल तक पहुंच रहे हैं। पुलिस को अंदेशा है कि जयमंगल ने ही जेल में रहते हुए अभिषेक की हत्या की न सिर्फ प्लानिंग की, बल्कि इसे मूर्त रूप भी दिया। अब पुलिस इस एंगल पर भी जांच आगे बढ़ा रही है। यहां एक बार फिर ये स्थापित हो रहा है कि झारखंड की जेलों से अपराधी अपनी सल्तनत चला रहे हैं।
जेलों में मर्डर के प्लान बन रहे हैं और जेल में बंद आकाओं के इशारे पर बाहर गुर्गे आपराधिक कांडों को अंजाम दे रहे हैं। भले धनबाद जेल में हुई गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन जेलों में छापेमारी कर रहा है और जैल में बंद गैंगस्टरों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इस हत्या ने एक बार फिर जेल प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है।
ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बना पुलिस के लिए चुनौती
झारखंड में आर्गेनाइज्ड क्राइम का फैला हुआ जाल पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। बड़े और कुख्यात अपराधी जेल के अंदर रहकर अपना गिरोह चला रहे हैं। जेल में बंद रहकर भी ये अपराधी रंगदारी वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं वो जेल से हत्याओं की साजिश भी रच रहे हैं। कई बड़े अपराधी जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के सहारे अपने गुर्गो के सहयोग से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं। जेल में बद सुजीत सिन्हा, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव जैसे कई नाम, हैं, जिन पर जेल से ही सल्तनत चलाने के आरोप लगते रहे हैं।
ऋत्विक कंपनी के मैनेजर की हत्या
हाल के महीने की कई ऐसी हत्या घटनाएं सामने आयी हैं, जिसके तार जेल के अंदर बंद अपराधियों से जुड़े थे। हजारीबाग के बड़कागांव स्थित एनटीपीसी कोल परियोजना चट्टी में काम कर रही ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की पिछले साल 9 मई को हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या की साजिश पश्चिम बंगाल के कोलकाता जेल, दुमका सेंट्रल जेल और हजारीबाग सेंट्रल जेल में अप्रैल माह में रची गई थी।
कोलकाता जेल से आई एक सूचना पर अमन साहू ने दुमका जेल में बंद अपने गुर्गों से संपर्क किया। इसके बाद उसके गुर्गे ने हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद अपने गुर्गे से संपर्क किया और हजारीबाग जेल से मॉनिटरिंग करते हुए इस घटना को अंजाम दिया गया।
जेल में बंद लेडी डॉन के इशारे पर हत्या
दूसरी घटना लौहनगरी जमशेदपुर से जुड़ी है। सरायकेला के आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती के फिरोज अंसारी की हत्या मुस्तफा अंसारी ने करायी थी। यह हत्या जेल में बंद लेडी डॉन डॉली के इशारे पर हुई थी। मुस्तफा अंसारी ने अपने पिता साबिर हुसैन की हत्या का बदला लेने के लिए घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद अपनी बुआ ड्रग पेडलर डॉली परवीन के साथ मिलकर साजिश रची थी। आरोप है कि साबिर की हत्या में फिरोज ने की थी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए मुस्तफा अंसारी, अब्दुल करीम और मो. दिलदार को गिरफ्तार किया था।
रांची के एदलहातू में हुई हत्या के तार पहुंचे जेल तक
इधर, राजधानी रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातु के टोंटे चौक स्थित अखड़ा के पास पिछले ही साल छह जून की देर शाम बिट्टू खान उर्फ तनवीर आलम की गोली मारकर हत्या कर कर दी गयी थी। इस हत्याकांड की साजिश बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद राज वर्मा ने रची थी। एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी की टीम ने इस हत्याकांड में शामिल रोहन श्रीवास्तव, मोहम्मद आरिफ, अंकित कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह और अंकुश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था।
जेल में बंद अपराधी के इशारे पर हुई मैनेजर की हत्या
वहीं, रांची के जमीन कारोबारी स्वर्गीय कमल भूषण के अकाउंटेंट संजय सिंह की हत्या की साजिश जेल में बंद डब्लू कुजूर और राहुल कुजूर ने रची थी। एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी की टीम ने इस हत्याकांड में शामिल दो शूटर समेत पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में संदीप प्रसाद, आकाश कुमार, विवेक कुमार शर्मा, डब्लू कुजूर की पत्नी सुशीला कुजूर और शाहिल बाड़ा शामिल थे।
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