NEET:
चेन्नई, एजेंसियां। सपनों को उड़ान देने की कोई उम्र नहीं होती — इस कहावत को सच कर दिखाया है तमिलनाडु की रहने वाली एक 49 वर्षीय मां और उनकी बेटी ने, जिन्होंने साथ मिलकर NEET (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) पास की और अब साथ ही MBBS की पढ़ाई करेंगी।
कौन हैं ये मां-बेटी?
तिरुवरुर जिले की अय्यरमुथु अमुथवल्ली, एक गृहिणी और पूर्व बायोलॉजी टीचर हैं। शादी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी, लेकिन जब उनकी बेटी सुसान्या ने NEET की तैयारी शुरू की, तब उनके भीतर भी डॉक्टर बनने की इच्छा जागी। बेटी की मेहनत और जुनून ने मां को भी प्रेरित किया।
तीन असफल प्रयास, लेकिन हौसला नहीं टूटा
अमुथवल्ली ने तीन बार NEET परीक्षा दी, पर सफलता नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथी बार 293 अंक लाकर परीक्षा पास कर ली। वहीं उनकी बेटी सुसान्या ने शानदार 457 अंक हासिल किए।
एक साथ की पढ़ाई, एक साथ बने डॉक्टर
सुसान्या बताती हैं, “मेरी मां ही मेरी सबसे बड़ी इंस्पिरेशन हैं। उन्होंने मेरे साथ हर दिन घंटों पढ़ाई की, नोट्स बनाए और मोटिवेट किया।” दोनों एक-दूसरे से सवाल पूछते, कमियों पर काम करते और पढ़ाई को मिलकर आसान बनाते।
सरकारी कॉलेज नहीं, पर सपनों में कोई समझौता नहीं
हालांकि अमुथवल्ली को सरकारी कॉलेज नहीं मिल पाया, लेकिन उन्होंने एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने का फैसला किया है। उनका कहना है, “मैं अब पीछे नहीं हटूंगी। मेरी बेटी के साथ डॉक्टर बनना ही अब मेरा सपना है।”
सफेद कोट में साथ चलने का सपना
अब मां-बेटी दोनों का सपना है कि एक दिन वो साथ में सफेद कोट पहनें और मरीजों की सेवा करें। उनकी यह कहानी हर उस महिला और गृहिणी के लिए एक प्रेरणा है जो कभी अपने सपनों को भूल बैठती हैं।
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