आवेदकों की जानकारी पहुंची साइबर ठगों तक
रांची। साइबर फ्रॉड ने लोगों को ठगने का नया हथकंडा अपनाया है। साइबर ठगों ने इस बार सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को झांसा देना शुरू किया है।
धनबाद, चतरा समेत कई जिलों के लोगों को शिक्षक नियुक्ति के नाम पर फोन कर पैसे मांगे जा रहे हैं।
धनबाद के संदीप कुमार, गंगा दयाल समेत अन्य लोगों को फोन आया था। फोन करने के बाद साइबर ठग की तरफ से कहा जा रहा है कि 10 मिनट में डेढ़ लाख दो शिक्षक की नौकरी हो जाएगी।
कहा जा रहा है कि सर आपकी पत्नी ने 2015-16 में शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। साथ ही साइबर ठगों की तरफ से पूरी जानकारी भी दी जा रही है कि आवेदन करने वाले का नाम क्या है, उसकी जन्मतिथि क्या है। उसकी शैक्षणिक योग्यता क्या है।
यह सुनकर सामने वाला भी असमंजस में पड़ जा रहा है कि इतनी जानकारी किसी अंजान व्यक्ति के पास कैसे मौजूद है।
हालांकि जिसके पास फोन आया था उन लोगों ने ठग को पैसा नहीं देकर मामले की सूचना संघ प्रतिनिधियों को दी और खुद को ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
ठगों के पास है पूरी डिटेल
बड़ी बात यह है कि फोन करने वाला व्यक्ति खुद को डीईओ व डीएसई ऑफिस का कंप्यूटर ऑपरेटर बता रहा है।
वह आवेदन को पढ़कर सुनाता है। जानकारी सुनने के बाद लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं। कई लोग सही मान लेते हैं, तो कई जांच कर रहे हैं तो यह सामने आ रहा है कि साइबर फ्रॉड है।
सवाल उठ रहा है कि आखिर आवेदकों की जानकारी साइबर फ्रॉड तक कैसे पहुंची। निश्चित रूप से आवेदकों की जानकारी कहीं-न- कहीं से लीक हुई है।
2016 के बचे हुए पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया
धनबाद के रहने वाले संदीप ने बताया कि मुझे फोन आया कि आपकी पत्नी को शिक्षक में करा देंगे। मुझे आश्चर्य इस बात से हुई कि उक्त व्यक्ति ने सभी जानकारी सही-सही दी।
10 मिनट में यस या नो कहने के लिए बोला और डेढ़ लाख रुपए मांगे। मेरे बेटे ने टू कॉलर में देखा तो उसमें फ्रॉड लिखा था। हमलोगों ने पैसा देने से इनकार कर दिया।
दरअसल, धनबाद समेत झारखंड के विभिन्न जिलों में हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष-2015- 16 में हुई शिक्षक नियुक्ति के बाद बची हुई सीटों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
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