Modi government:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए टैरिफ का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक अहम बैठक में वित्त, वाणिज्य और अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस रणनीति पर चर्चा की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि भारत किसी भी स्थिति में अमेरिकी दबाव के सामने झुकेगा नहीं।
कौन से सेक्टर प्रभावित?
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से सबसे अधिक प्रभावित उद्योगों में कपड़ा, चमड़ा, रसायन, प्लास्टिक और खिलौने शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भारत का निर्यात पहले भी बड़ा था, लेकिन नए टैरिफ के कारण भारतीय उत्पादों की लागत बढ़ने से प्रतिस्पर्धा में कमी आ सकती है। इससे लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
सरकार की राहत रणनीति:
सरकार ने प्रभावित उद्योगों को राहत देने के लिए एक व्यापक पैकेज तैयार किया है, जो निम्नलिखित उपायों को शामिल करता है:
आपातकालीन ऋण: प्रभावित उद्योगों को कम ब्याज दर पर तात्कालिक कर्ज।
एकमुश्त राहत: निर्यात ऑर्डर कैंसिल होने पर नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता।
कामगारों की सुरक्षा: छंटनी को रोकने के लिए वेतन सहायता और कौशल विकास कार्यक्रम।
नई बाजार तलाशने तक सुरक्षा: नए देशों से डील फाइनल होने तक सब्सिडी और टैक्स रियायतें।
नए बाजारों की तलाश:
भारत अब अमेरिकी टैरिफ को संकट नहीं, बल्कि अवसर में बदलने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने चीन और
जापान का दौरा करेंगे:
चीन: भारतीय उत्पादों के लिए वहां नए बाजार की संभावनाओं पर चर्चा।
जापान: जापानी कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ाने के प्रयास।
रूस और यूक्रेन: भारत रूस और यूक्रेन के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए बातचीत करेगा।
निर्यातकों के लिए उम्मीदें:
निर्यातक संगठनों ने सरकार से राहत की मांग की थी, और सरकार की योजना से उन्हें उम्मीद है कि वे इस संकट से बाहर निकल सकेंगे। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने कहा, “अगर यह पैकेज समय पर आया और नए बाजार खुले, तो हम इस संकट से उबर सकते हैं। सबसे जरूरी यह है कि कामगारों की नौकरियां सुरक्षित रहें।”
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