नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केंद्रीय संचार ब्यूरो को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए एक अग्रणी “डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023” को स्वीकृति दे दी है। केन्द्रीय संचार ब्यूरो डिजिटल मीडिया क्षेत्र में अभियानों का संचालन करने के लिए भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण विज्ञापन विंग है। यह नीति डिजिटल यूनिवर्स में विशाल ग्राहक आधार, डिजिटल विज्ञापनों के माध्यम से प्रौद्योगिकी सक्षम संदेश विकल्पों के साथ मिलकर लक्षित तरीके से नागरिक केंद्रित संदेशों को प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करेगी जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक उन्मुख अभियानों में लागत दक्षता भी लाई जा सकेगी।
हाल के वर्षों में, दर्शकों के मीडिया उपयोग को देखते हुए इसमें डिजिटल क्षेत्र की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, देशभर में इंटरनेट, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। यह नीति सीबीसी को ओटीटी और वीडियो ऑन डिमांड स्पेस में एजेंसियों और संगठनों को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाएगी। सीबीसी, डिजिटल ऑडियो प्लेटफार्मों के पैनल के माध्यम से पॉडकास्ट और डिजिटल ऑडियो प्लेटफार्मों पर श्रोताओं की बढ़ती संख्या का लाभ उठाने में भी सक्षम होगा।
इंटरनेट वेबसाइटों को सूचीबद्ध करने की अपनी प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने के अलावा, सीबीसी अब प्रथम बार अपने सार्वजनिक सेवा अभियान संदेशों को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी प्रसारित करने में सक्षम होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सार्वजनिक वार्तालाप के लोकप्रिय चैनलों में से एक बनने के साथ, यह नीति उस प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करती है जिसके माध्यम से सीबीसी इन प्लेटफार्मों पर सरकारी ग्राहकों के लिए विज्ञापन दे सकता है।
यह नीति सीबीसी को विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल मीडिया एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का भी अधिकार प्रदान करती है। सीबीसी की डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023, पारदर्शिता और दक्षता को सुनिश्चित करने के साथ लागत के लिए प्रतिस्पर्धी बोली जैसी विशेषता भी प्रदान करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से चिन्हित की गई दरे तीन वर्ष तक वैध रहेंगी और सभी पात्र एजेंसियों पर लागू होंगी।