Mathura Banke Bihari temple:
मथुरा, एजेंसियां। मथुरा के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर का खजाना आज करीब 54 साल बाद खोला गया। यह खजाना 1971 में कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था और अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के निर्देश पर सिविल जज जूनियर डिवीजन, जिला प्रशासन के आला अधिकारियों और मंदिर के सेवायत गोस्वामियों की कड़ी निगरानी में खोला गया।
खजाने के खुलने की प्रक्रिया
खजाने के खुलने की प्रक्रिया पूरी तरह से वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ की गई ताकि पारदर्शिता बनी रहे। खजाने में डायमंड, पन्ना से बने मोरनी हार, सहस्त्र फनी, चांदी से बने शेषनाग और सोने के कलश में नवरत्न जैसी कई बेशकीमती और ऐतिहासिक वस्तुएं होने की उम्मीद है। ये वस्तुएं मंदिर की एक महान विरासत मानी जाती हैं और भक्तों में उत्साह का कारण बनी हैं।
खजाना भगवान बांके बिहारी के सिंहासन के नीचे स्थित गर्भगृह में रखा गया था। मंदिर की विशेष कमेटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यह कदम उठाया गया। हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष उच्च न्यायालय इलाहाबाद के पूर्व जस्टिस अशोक कुमार और सचिव सी. पी. सिंह, जिला अधिकारी मथुरा की निगरानी में यह प्रक्रिया संपन्न हुई।
भक्तों और सेवायतों
भक्तों और सेवायतों के लिए यह दिन बेहद उत्साहजनक और ऐतिहासिक साबित हुआ। मंदिर प्रशासन ने कहा कि खजाने की सुरक्षा और निगरानी के लिए आगे भी कड़े उपाय किए जाएंगे। इस ऐतिहासिक खुलासे से न केवल मंदिर की विरासत उजागर हुई है, बल्कि मथुरा में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ गया है।
यह खजाना मंदिर के लिए धरोहर और आस्था का प्रतीक माना जाता है, और अब भक्त और इतिहास प्रेमी इसे देखने के लिए उत्सुक हैं।
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