हेमंत, पिंटू, विनोद और भानु को आमने-सामने बिठा कर हुई पूछताछ
जिनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पैरवी हुई, उन तक पहुंचेगी ईडी
रांची। झारखंड के कई अफसर अब ईडी के रडार पर हैं। ये ऐसे अधिकारी हैं, जिनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पैरवी की गई। शुक्रवार को ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, करीबी विनोद सिंह और बड़गाई अंचल के हल्का कर्मचारी भानु प्रताप को आमने-बिठा कर लगभग छह घंटे पूछताछ की।
इस दौरान विनोद सिंह ने स्वीकार किया कि व्हाट्सएप चैट उसने हेमंत सोरेन को ही किये थे। ईडी अब अभिषके प्रसाद पिंटू के मोबाइल का डाटा रिकवर करने में जुट गई है। इसके साथ ही उन सभी अधिकारियों तक ईडी पहुंचेगी, जिनके ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पैरवी की गई।
शुक्रवार को लंबी पूछताछ के बाद विनोद सिंह को शाम 7 बजे और अभिषेक पिंटू को रात 10 बजे छोड़ दिया गया। विनोद सिंह को ईडी पुन: तलब कर सकती है। देर रात कल्पना सोरेन भी हेमंत से मिलने ईडी ऑफिस पहुंचीं।
इधर इडी ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू को पूछताछ के लिए शनिवार को ही बुलाया है। हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से जब्त बीएमडब्लू कार को लेकर उनसे पूछताछ होनी है।
बताते चलें कि बिनोद सिंह और अभिषेक प्रसाद शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे। वहां बिनोद सिंह के मोबाइल से मिले वॉट्सएप चैट के बारे में सवाल-जवाब किए गए। अब इस चैट से कई अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है।
क्योंकि उन लोगों ने बिनोद के माध्यम से अपनी ट्रांसफर-पोस्टिंग की पैरवी हेमंत सोरेन से करवाई थी। बिनोद ने कई अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए हेमंत को मैसेज भेजा था। इसमें एक जेलर के पैरवी का भी जिक्र है, जिसने अपनी पोस्टिंग के लिए 75 लाख रुपये का ऑफर दिया था।
ईडी को बिनोद सिंह के मोबाइल से 100 जीबी से अधिक डेटा मिले हैं। इसकी जांच की जा रही है कि उसने किन-किन लोगों के बारे में हेमंत सोरेन को मैसेज किया था।
जिन लोगों के बारे में मैसेज भेजे गए थे, ईडी ने उन लोगों के संबंध में जानकारी ली। इधर, अभिषेक प्रसाद के मोबाइल को भी जांच एजेंसी ने खंगालना शुरू कर दिया है।
बता दें कि पिछले चार दिनों से ईडी के अधिकारी हेमंत और बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रहे हैं। भानु को सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन मामले में 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।
तब से वह रांची के होटवार जेल में बंद है। अब बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन घोटाले में उसे फिर गिरफ्तार किया गया है।
ईडी अब बड़गाई अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) मनोज कुमार से भी पूछताछ की तैयारी में है। ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि उनके कहने पर ही भानु प्रताप ने उक्त जमीन की पहले मापी कराई।
फिर उस जमीन का प्लॉटवार विवरण तैयार किया, ताकि उसके मूल दस्तावेज (पंजी टू) में हेराफेरी की जा सके। ईडी के सूत्रों ने बताया कि अब जल्दी ही मनोज कुमार को समन जारी किया जाएगा और उससे पूछताछ की जाएगी।
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