रांची। ED ने यह खुलासा किया है कि सोमवार को बरामद हुआ सारा पैसा टेंडर घोटाले का है।
टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में कई बड़े अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
ED का दावा है कि इस पूरे प्रकरण में ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी शामिल हैं और उन्हें राजनेताओं का भी पूरा संरक्षण मिला हुआ है।
ईडी ने कोर्ट में दिए गए रिमांड पिटीशन में कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक कई अधिकारी इस सांठगांठ में शामिल हैं।
कमीशन का पैसा आमतौर पर नकद ही लिया जाता था, जिसे विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजार कर सफेद किया जाना था।
ईडी को अब तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक मंत्री आलमगीर आलम का ओएसडी संजीव लाल प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए कमीशन लेता था और टेंडर मैनेज करने के साथ-साथ विभाग के इंजीनियरों से भी कमीशन के लेनदेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद निलंबित चीफ इंजीनियर ने भी यह स्वीकार किया है कि वर्ष 2022 में संजीव लाल ने करोड़ों रुपए कमीशन के तौर पर लिए हैं।
ED ने संजीव लाल और जहांगीर को इसलिए रिमांड पर लिया है, ताकि अन्य वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारियों सहित वैसे अन्य लोगों की भूमिका का पता लगाया जा सके जो कमीशन के जरिए करोड़ों रुपए की कमाई के इस खेल में शामिल हैं।
ED ने सोमवार की रेड के दौरान 35 करोड़ रुपए के साथ दो गाड़ियां भी जब्त की है, जिसका रजिस्ट्रेशन जहांगीर के नाम से है, लेकिन उन गाड़ियों का इस्तेमाल संजीव लाल करता था। यह बात खुद जहांगीर ने स्वीकारी है।
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