कोलकाता, एजेंसियां। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि बीजेपी बंगाल के विभाजन का सपना देख रही है।
भाजपा ‘विभाजन की राजनीति’ कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे बंगाल के साथ-साथ उत्तर बंगाल बजट में उपेक्षित है, जबकि यहां से भाजपा ने सबसे अधिक सीटें जीतीं। ममता बनर्जी ने चुनौती देते हुए कहा, ‘बंगाल को विभाजित करने का प्रयास किया गया, तो मैं दिखाऊंगी कि कैसे इसे रोका जाता है।’
नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी का माइक बंद करने के आरोप पर बंगाल विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाया गया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर बंगाल के बालुरघाट से सांसद और उत्तर-पूर्व विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर उत्तर बंगाल की केन्द्रीय परियोजनाओं को उत्तर-पूर्व भारत की परियोजनाओं में शामिल करने का प्रस्ताव दिया।
विधानसभा में ममता बनर्जी ने इस प्रस्ताव के खिलाफ अपनी आवाज उठायी और सुकांत के बयान का विरोध किया।
सुकांत ने ममता के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘बंगाल विभाजन का कोई सवाल ही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी गैरजरूरी बातें कर रही हैं और यह कोई निर्णय नहीं है।
नीति आयोग की बैठक में मेरा अपमान किया गया
इससे पहले शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी ने माइक बंद करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि उनकी आवाज दबायी गयी और उनका अपमान किया गया। इस पर तृणमूल कांग्रेस आज विधान सभा में निनेदा प्रस्ताव लायी, जिसका भाजपा ने विरोध करके विधान सभा से वॉकआउट किया।
केन्द्रीय बजट में उत्तर बंगाल की उपेक्षा पर ममता ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर बंगाल को बजट में कुछ भी नहीं दिया, जबकि उनकी सरकार ने उत्तर बंगाल के बुनियादी ढांचे के विकास पर 01 लाख 64 हजार 764 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा को उत्तर बंगाल से इतनी सीटें मिलने के बावजूद, उन्होंने विभाजन की राजनीति शुरू कर दी है।
ममता बनर्जी ने विधानसभा में जोर देते हुए कहा, ‘बंगाल विभाजन के खिलाफ विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। वोटिंग होनी चाहिए। विधानसभा को बाईपास करके बंगाल विभाजन की बात नहीं की जा सकती।’
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