मल्लिकार्जुन खड़गे
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज देश में विपक्ष की राजनीति के धुरी बन गये हैं।
नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के किसी अध्यक्ष ने लंबे समय बाद पार्टी की कमान संभाली है और बेहतरीन तरीके से पार्टी को लीड भी कर रहा है।
कांग्रेस पार्टी के नए कप्तान खरगे अपने आक्रामक तेवर भड़कीले बयानों के कारण हमेशा ही देश की राजनीति में चर्चा में रहते हैं।
पिछले साल संपन्न कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जहां 7897 वोट मिले, वहीं शशि थरूर को करीब 1000 वोट मिले।
इस तरह खड़गे ने करीब 8 गुना ज्यादा वोट से थरूर को हरा दिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता भी हैं।
इससे पहले 1971 में जगजीवन राम कांग्रेस अध्यक्ष बने थे, जो दलित कोटि से आते थे। खड़गे का नाता भले ही दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक से है, मगर वह अच्छी हिंदी बोल लेते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार नौ बार विधायक रह चुके हैं। इतना ही नहीं, जब साल 2014 के चुनाव में मोदी लहर में दिग्गज हार रहे थे, तब भी खड़गे ने जीत का परचम लहराया था। हालांकि वह 2019 में वह लोकसभा चुनाव हार गए थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर संसद तक में भी खड़गे अपनी बात ज्यादातर हिंदी में रखते हैं। 21 जुलाई 1942 को जन्मे मल्लिकार्जुन खड़गे राजनीति में आने से पहले वकालत के पेशे में थे।
उनका जन्म कर्नाटक में गरीब परिवार में हुआ था और उन्होंने स्नातक और वकालत की पढ़ाई की है।
मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से आने वाले ऐसे दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली है। इससे पहले कर्नाटक के ही एस निजालिंगप्पा कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं।
..तो जल जाता खरगे का पूरा परिवारः
खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को मैसूर राज्य (अब कर्नाटक) का वरवट्टी गांव में हुआ था। तब वहां निजाम की हुकूमत थी।
उनके जन्म के बाद ही देश आजाद हुआ। जिस वक्त देश भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ उस वक्त इनके गांव में भी दंगे हुए।
जिसमें पूरे गांव में आग लगा दी गई थी। इस आग से बचाते हुए इनके पिता इन्हें दूर जंगल में ले गए।
जहां कई महीनों तक रहने के बाद शहर आए, जहां उन्होंने खड़गे को मजदूरी में न लगाकर स्कूल में भर्ती कराया, ताकि वह पढ़ लिखकर कुछ अच्छा काम कर सकें।
इनकी आरंभिक पढ़ाई गुलबर्गा के स्कूल में हुई। मल्लिकार्जुन पढ़ने में होनहार और कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थे।
लोग कहते हैं कि अगर खड़गे राजनीति में नहीं आते तो वह कबड्डी के खिलाड़ी होते, क्योंकि स्कूल के स्तर पर उन्होंने कई पुरस्कार जीते थे।
गुलबर्गा के पहले दलित वकील बनेः
कक्षा 12वीं उन्होंने नूतन स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की।
जिसके बाद खड़गे गुलबर्गा के पहले दलित वकील बने। वकील बनने के बाद उन्होंने गरीब लोगों का मुफ्त में केस लड़ा, ताकि कोई न्याय से वंचित नहीं रह जाए।
यूनियन लीडर से शुरू हुआ राजनीतिक सफरः
मल्लिकार्जुन का राजनीति का सफर कर्मचारी यूनियन लीडर से शुरू हुआ। जहां उन्होंने कई गरीब मजदूरों की बिना पैसे के केस लड़ा।
जिसके कारण यह पूरे शहर में कुछ दिनों में बहुत प्रसिद्ध हो गए, खासकर दलितों में। यहीं से कांग्रेस नेताओं की नजर उन पर पड़ी।
साल 1970 में उन्हें कांग्रेस का डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट बनाया गया। साल 1972 में पहली बार गुरमिटकल विधानसभा सीट से मैदान में उतरे और फतह कर दिखाया।
इसके बाद वह लगातार राजनीति में सक्रिय रहे है। उनकी इतनी ख्याति कभी नहीं थी। साल 2014 के बाद देश के सभी लोग मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम से परिचित हुए।
मोदी लहर के दौरान लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की करारी हार के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष का नेता चुना गया।
इस समय कांग्रेस में 543 में से मात्र 44 सीटों पर जीत हासिल की थी।
बौद्ध धर्म को मानने वाले अंबेडकरवादी नेताः
मल्लिकार्जुन खड़गे अंबेडकरवादी नेता हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायी भी हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और बुद्ध की शिक्षा को लोगों तक पहुंचाने के लिए इन्होंने गुलबर्गा के बाहरी इलाके में बुद्ध विहार बनवाया है। इसके साथ ही खड़गे सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्षः
कांग्रेस पार्टी पर आजादी के बाद से नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों का दबदबा सबसे ज्यादा रहा है।
अब तक 18 सदस्य कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। जिसमें पांच नेहरू गांधी परिवार से और 13 पार्टी के सदस्य रहे हैं।
इनमें सोनिया गांधी पिछले काफी लम्बे समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही थीं। बाबू जगजीवन राम 1970 में अध्यक्ष बने थे। खडगे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं।
मल्लिकार्जुन खड्गे एक नजर मेः
पूरा नाम: मल्लिकार्जुन खड्गे
जन्म तिथि: 21 Jul 1942 (उम्र 81 वर्ष)
जन्म स्थान: वारवट्टी, भल्कि तालुक, बिदर जिला
पार्टी का नामः अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शिक्षाः स्नातक
व्यवसायः राजनेता और वकील
पिता का नामः श्री मपन्ना
माता का नामः श्रीमती साईंभवा
धर्म: बौद्ध
वेबसाइट: NIL
सोशल साइट: NIL
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