गुस्से में मर्डर कर 59 टुकड़ों में काटा
बेंगलुरू, एजेंसियां। ‘एक दिन भाई (मुक्तिरंजन) ने मुझे फोन किया था। वो बहुत टेंशन में लग रहा था। मैंने पूछा तो बोला- वो लड़की (महालक्ष्मी) मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मुझसे सोने की चेन और 7 लाख रुपए ले चुकी है। फैमिली को ये बात पता चली तो वे भाई पर बहुत नाराज हुए। उससे कहा कि सब उस लड़की को दे दोगे, तो हम कहां जाएंगे।’
ये बयान सत्यरंजन का है। सत्यरंजन महालक्ष्मी मर्डर केस के आरोपी मुक्तिरंजन के भाई हैं। 20 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालिकावल में तीन मंजिला मकान में 29 साल की महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े मिले थे।
महालक्ष्मी यहां किराए से रहती थी। कातिल ने डेडबॉडी के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में रख दिया।
बेंगलुरु पुलिस को जिन 4 लोगों पर मर्डर का शक था, उनमें मुक्तिरंजन भी शामिल था। वो महालक्ष्मी के साथ एक ही शोरूम में काम करता था।
महालक्ष्मी की डेडबॉडी मिलने के बाद मुक्तिरंजन की तलाश की गई, लेकिन वो नहीं मिला। पुलिस 21 सितंबर से उसे ढूंढ रही थी।
आरोपी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया
25 सितंबर की दोपहर 30 साल के मुक्तिरंजन ने ओडिशा में अपने गांव में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसकी डेडबॉडी एक पेड़ पर लटकती मिली।
पुलिस को डेडबॉडी के पास एक डायरी और सुसाइड नोट मिला। इसमें मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी के मर्डर की बात कबूली है।
पुलिस को पता चला है कि महालक्ष्मी मुक्तिरंजन को किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी दे रही थी।
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