नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बयान दिया। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। महाकुंभ में हमने अपनी राष्ट्रीय चेतना के विराट दर्शन किए, जो नए संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरित करती है।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ठीक एक साल बाद महाकुंभ के सफल आयोजन ने कुछ लोगों द्वारा हमारी क्षमता पर किए गए संदेह को धता बता दिया है।
जागृत देश का प्रतिबिंब नजर आयाः
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा कि मैं प्रयागराज महाकुंभ को गांधीजी के ‘दांडी मार्च’, सुभाष चंद्र बोस के ‘दिल्ली चलो’ नारे जैसे ही एक अहम पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागृत होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।
मैं पिछले सप्ताह त्रिवेणी का पवित्र जल मॉरीशस लेकर गया था, जब उस जल को मॉरीशस के गंगा तालाब में प्रवाहित किया गया तो वहां बहुत ही उत्साह और आस्था का माहौल था।
महाकुंभ से अनेक अमृत निकले: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र से, हर कोने से आए लोग एक हो गए और ‘अहम्’ त्याग कर ‘वयम्’ के भाव से प्रयागराज में जुटे। महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था, यह दिखाता है कि एकता का अद्भुत तत्व हमारे अंदर रचा बसा है।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ से प्रेरणा लेते हुए हमें नदी उत्सव की परंपरा को नया विस्तार देना होगा, हमें इस बारे में जरूर सोचना चाहिए जिससे वर्तमान पीढ़ी को पानी का महत्व समझ में आएगा और नदियों की साफ-सफाई के साथ-साथ नदियों की रक्षा भी होगी।
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