Maa Mahagauri:
आज नवरात्रि का आठवां दिन है और आज मां महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन अष्टमी तिथि पर दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस अवसर पर मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा और व्रत करने से वे अपने भक्तों के कष्टों को समाप्त करती हैं। मां महागौरी की पूजा में आरती और मंत्र का अत्यधिक महत्व है। यह मान्यता है कि मां महागौरी की आरती का श्रवण या पाठ करने से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। नवरात्रि के 8वें दिन यानी दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है। मां महागौरी को श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है। साथ ही वह अन्नपूर्णा का स्वरुप है। आइए जानते हैं मां महागौरा की पूजा विधि, मंत्र, आरती और उनका भोग क्या है।
मां महागौरी का स्वरुप
देवीभागवत पुराण के अनुसार, मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती है। उनका रंग गौरा और चार भुजाएं हैं। मां महागौरी को श्वेतांबरधरा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मां महागौरी अपने भक्तों के लिए अन्नपूर्णा को स्वरुप हैं। उनका स्वरुप उज्जवल और कोमल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल, बाएं हाथ में डमरु। तीसरा हाथ अभय और चौथे हाथ वरमुद्रा में रहता है।
मां महागौरी की कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कई हजार वर्षों तक कठोर तप किया. इस तप के दौरान उन्होंने जल और अन्न का सेवन नहीं किया, जिसके कारण उनका शरीर काला हो गया। मां पार्वती की तपस्या से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।महादेव ने तपस्या के समय उनके शरीर के काले पड़ने के कारण उन्हें गंगा जल से शुद्ध किया, जिसके परिणामस्वरूप उनका शरीर पुनः चमकदार हो गया. गंगा जल के प्रभाव से उनका रंग सफेद हो गया, जिससे उन्हें महागौरी के नाम से जाना जाने लगा।
महागौरी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां महागौरी की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।इसके बाद मां महागौरी की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें फिर मां महागौरी को सफेद रंग के वस्त्र धारण कराएं। इसके बाद माता महागौरी को सफेद फूल अर्पित करें और कुमकुम या रोली से तिलक करें। इसके बाद मां महागौरी के मंत्रों का जप करें।साथ ही मां महागौरी को नारियल से बनी मिठाई और हलवे और काले चने का भोग लगाएं। अंत में माता की आरती उतारें।
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