दुमका, एजेंसियां। दुमका जिले के मसलिया स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय मोहनपुर में शुक्रवार को मिड-डे मील खाने से 40 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई।
बताया जा रहा है कि भोजन में छिपकली गिरने से खाना विषाक्त हो गया था। इस स्कूल में कक्षा पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन मिड-डे मील का खाना सिर्फ आठवीं तक के बच्चों के लिए ही बनता है। बीमार पड़ने वाले सभी बच्चे आठवीं कक्षा तक के थे।
खाना खाने के बाद कुछ बच्चों को उल्टी, जी मिचलाने और पेट दर्द जैसी समस्याएं होने लगीं। जैसे ही इसकी जानकारी अभिभावकों को हुई, वे तुरंत स्कूल पहुंचे और एंबुलेंस को बुलाया गया।
एंबुलेंस के साथ डॉक्टर स्कूल पहुंचे और बच्चों को मसलिया अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बच्चों का इलाज किया और उन्हें दवाई, इंजेक्शन, ओआरएस, और सलाइन देकर स्वास्थ्य में सुधार लाने का प्रयास किया।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सभी बच्चों का इलाज किया गया है और उनकी स्थिति अब सामान्य है।
घटना की जानकारी मिलते ही दुमका के सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद सिंह भी अस्पताल पहुंचे और बच्चों की स्थिति की जानकारी ली।
पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी ने भी मसलिया सीएचसी पहुंचकर बच्चों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की और चिकित्सकों को बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह स्कूल प्रबंधन की लापरवाही है, जिसके कारण बच्चों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस घटना के बाद दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार हेंब्रम ने कहा कि एक जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए गए शिक्षकों और रसोइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावक सहदेव हांसदा ने आरोप लगाया कि इस घटना के लिए रसोइया और प्रभारी प्रधानाध्यापक जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि सौभाग्यवश बच्चों को गंभीर परेशानी नहीं हुई, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
अभिभावकों का यह भी कहना था कि इस संकट की घड़ी में शिक्षकों को बच्चों के साथ अस्पताल में होना चाहिए था, लेकिन केवल एक शिक्षक ही अस्पताल पहुंचे थे और कुछ समय बाद वे भी वहां से चले गए।
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