Liquor scam:
रांची। झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे समेत दर्जन भर आरोपियों के खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल होने की संभावना है। इस मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने कार्रवाई में तेजी ला दी है और 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर करने की तैयारी कर रही है। 20 मई 2025 को ACB थाना में कांड संख्या 09/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की गंभीर धाराएं जैसे 61(2), 318, 336, 340, 316, 45, 49 लगाई गई हैं।
बीएनएस की धाराओं के अनुसार
बीएनएस की धाराओं के अनुसार, जिन मामलों में अधिकतम सजा तीन साल से अधिक है, उनमें चार्जशीट 90 दिनों के भीतर दाखिल करनी होती है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आरोपी जमानत का लाभ ले सकते हैं। ACB इसी समयसीमा को ध्यान में रखते हुए साक्ष्य संकलन और दस्तावेज़ी प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर रही है।
इस घोटाले में 10 लोगों की गिरफ्तारी
अब तक ACB ने इस घोटाले में 10 लोगों की गिरफ्तारी की है, जिनमें विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह (जिन्हें अब जमानत मिल चुकी है), पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश, प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के नीरज कुमार सिंह, शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, प्रिज्म होलोग्राफी के विधु गुप्ता, और श्री ओम साईं बेवरेजेज के अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा शामिल हैं।
ACB की प्राथमिकी में आरोप है
ACB की प्राथमिकी में आरोप है कि इन लोगों ने आपस में साठगांठ कर सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचाया। आने वाले दिनों में चार्जशीट दाखिल होते ही इस मामले में अभियोजन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।
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