दिल्ली के जंतर मंतर पर 10 लाख आदिवासी देंगे धरना
पिस्का नगडी। जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा पत्र लेखन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनजाति आदिवासियों के हक़ और अधिकार की मांगों से अवगत कराने की कोशिश की जा रही है। यह कार्यक्रम पूरे देश में चल रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए झारखंड प्रांत जनजाति सुरक्षा मंच के सह संयोजक हिन्दुवा उरांव ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिवासियों के साथ बहुत ही अन्याय हो रहा है।
धर्मान्तरण एक बड़ी समस्या हो गई है। धर्मातंरित होकर आदिवासी ईसाई या इस्लाम धर्म अपना रहे है। आदिवासी अपनी रूढ़ी और परंपरा से अलग होकर अपना अस्तित्व खो रहे हैं। इतना ही नहीं धर्मातरित लोग आरक्षण का 80% लाभ ले रहे हैं।
इसको रोका जाए और धर्मांतरित हुए व्यक्तियों को चिन्हित कर जनजाति सूची से बाहर किया जाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड पत्र के माध्यम से ये मांग की जा रही है।
इसमें झारखण्ड के हर गांव से लोग पोस्टकार्ड पत्र लिखकर प्रधानमंत्री और भारत सरकार से डीलिस्टिंग की मांग कर रहे है। झारखण्ड से एक लाख लोग पत्र लिखेंगे।
पत्र के माध्यम से डीलिस्टिंग की मांग की जा रही है। जनजाति आदिवासियों की मांग पूरी नहीं होती है तो पूरे देश से दस लाख लोग दिल्ली के जंतर मंतर पर जाकर धरना देंगे, एक लाख की संख्या में झारखण्ड प्रदेश से लोग जायेंगे।
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