HIV/AIDS Alert:
नई दिल्ली, एजेंसियां। एचआईवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति अगर समय पर इलाज नहीं कराता है, तो संक्रमण धीरे-धीरे तीन मुख्य स्टेज में बढ़ता है। हर स्टेज में वायरस की संक्रामकता और शरीर पर प्रभाव अलग होता है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर किसी को शक है कि वह एचआईवी के संपर्क में आया है, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) दवा संक्रमण को फैलने से रोक सकती है, वहीं जो लोग जोखिम में रहते हैं, वे प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) ले सकते हैं।
स्टेज 1 – एक्यूट HIV इंफेक्शन
संक्रमण के 2 से 4 हफ्तों के अंदर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वायरस खून, वीर्य, योनि द्रव्य और ब्रेस्ट मिल्क से फैल सकता है। इस स्टेज में वायरस सबसे ज्यादा संक्रामक होता है। हालांकि हर व्यक्ति में लक्षण नहीं दिखते।
स्टेज 2 – क्रोनिक HIV इंफेक्शन
अगर पहला स्टेज बिना इलाज के रह जाता है, तो वायरस धीरे-धीरे सक्रिय रहता है। इसे क्लिनिकल लेटेंसी भी कहते हैं। इस दौरान लक्षण हल्के या नहीं दिखते, लेकिन वायरस फैल सकता है। बिना इलाज यह स्टेज 10 साल या उससे अधिक समय तक चल सकता है। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) लेने पर वायरल लोड इतना कम हो जाता है कि संक्रमण दूसरों में नहीं फैलता (U=U)।
स्टेज 3 – एड्स
एचआईवी का सबसे खतरनाक स्टेज, एड्स, तब होता है जब इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है। CD4 कोशिकाओं की संख्या 200 से नीचे चली जाती है। व्यक्ति को ऑपर्चूनिस्टिक इंफेक्शन हो सकते हैं, जो सामान्य लोगों में नहीं होते। लक्षणों में तेज बुखार, वजन घटना, बार-बार संक्रमण, लगातार थकान और त्वचा पर दाने शामिल हो सकते हैं।
समय पर निदान और ART इलाज से HIV संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है और एड्स के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
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