चंडीगढ़, एजेंसियां। रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफिकेशन को लेकर पहली बार बात की।
विनेश ने कहा, ‘डिस्क्वालिफाई होने के बाद मेरे पास कानूनी विकल्प था, इसकी जानकारी भारतीय डेलिगेशन ने नहीं, मेरे दोस्त ने दी।
मैंने केस किया। इनके वकील बाद में आए।’ विनेश ने यह भी कहा कि BJP वालों ने ओलिंपिक मेडल को देश का नहीं बल्कि मेरा अकेले का मेडल समझा।
विनेश की सिल्वर मेडल की अपील खारिज हो गई थी
विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग के 50 KG विमेंस कैटेगरी में लगातार 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी।
8 अगस्त को फाइनल होना था, लेकिन मैच से पहले ओलिंपिक कमेटी ने विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने के कारण डिसक्वालिफाई कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी।
14 अगस्त को उनकी अपील खारिज कर दी गई। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा था।
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