Kartik Month Snan:
नई दिल्ली, एजेंसियां। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है। इस महीने में किया गया हर धार्मिक कार्य—स्नान, व्रत, पूजा-पाठ साधारण दिनों की तुलना में कई गुना फलदायी होता है। कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं।
कार्तिक स्नान का समय:
कार्तिक स्नान का आरंभ 8 अक्टूबर, 2025 से हुआ और यह मास का अंतिम स्नान 5 नवंबर, 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संपन्न होगा। वर्ष 2025 में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तक रहेगा। इस समय गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। दैनिक ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 5:30 बजे) भी स्नान, पूजा, जप और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
स्नान की विधि:
प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
पवित्र नदी, सरोवर या तीर्थस्थल में स्नान करें। यदि बाहर नहीं जा सकते, तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें और संकल्प लें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और तुलसी माता की पूजा करें।
तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
कार्तिक स्नान के लाभ:
अनजाने में किए गए पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि।
मोक्ष प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण साधना।
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा।
जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता।
शरीर और मन की निरोगी और शांत अवस्था।
नियमित पूजा-पाठ और आध्यात्मिक उन्नति।
धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति आस्था में वृद्धि।
कार्तिक मास में स्नान और पूजा से जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति सुनिश्चित होती है, और यह समय भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का विशेष अवसर माना जाता है।
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