Bihar Elections 2025:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे पेंच अब तक उलझा हुआ है। इसके बावजूद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने आवास पर टिकट बांटना शुरू कर दिया है। इसे लेकर चर्चा तेज है कि लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के साथ खेल कर दिया है!
जानकारी के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दिल्ली पहुंचने के बाद से ही उनके आवास पर समर्थन और टिकट चुनाव चिन्ह लेने वालों की तादाद बढ़ती जा रही थी और पटना से लौटते ही उनके 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर उम्मीदवारों और समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। टिकट की उम्मीद में सैकड़ों दावेदार लालू यादव के आवास पर जुटे रहे। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई बार अफरा-तफरी जैसी स्थिति बन गई।
बताया जा रहा है कि पार्टी मुख्यालय से कई नेताओं को फोन कॉल के जरिए टिकट बांटने की सूचना दी गई थी, जिसके बाद वे चुनाव चिह्न लेने पहुंचे। कुछ ही देर बाद उनके चेहरे पर मुस्कान और हाथ में पार्टी का चुनाव चिह्न ‘लालटेन’ नजर आया।
लालू ने प्रत्याशियों को थमाया लालटेन का चुनाव चिह्नः
जिन नेताओं को टिकट सौंपा गया है, उनमें कुछ प्रमुख नाम भी शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुए सुनील सिंह (परबत्ता) और मटिहानी से कई बार विधायक रह चुके नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ ‘बोगो’ शामिल हैं। बोगो पूर्व में दो बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।
कई विधायकों को मिला चुनाव लड़ने का दोबारा मौकाः
इसके अलावा पार्टी के कई मौजूदा विधायकों को भी दोबारा मौका दिया गया है। भाई वीरेंद्र, चंद्रशेखर यादव (मधेपुरा) और इसराइल मंसूरी (कांटी) जैसे नेताओं को भी टिकट दिया गया है। इन सभी ने लालू प्रसाद के आवास के बाहर पार्टी का सिंबल लहराकर अपने प्रत्याशी बनने की खुशी व्यक्त की।
कितनों को टिकट मिला, नंबर नहीः
हालांकि यह पता नहीं चला है कि कुल कितने उम्मीदवारों को पार्टी ने आधिकारिक टिकट दिया गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि लालू यादव ने महागठबंधन के सीट बंटवारे में देरी को देखते हुए खेला कर दिया है।
अंतिम चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरूः
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि पहले चरण के नामांकन के लिए केवल चार दिन का समय बचा है। ऐसे में राजद द्वारा टिकट वितरण की शुरुआत यह संकेत देती है कि पार्टी अब देरी किए बिना चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
लालू का साहसिक कदमः
महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक घोषणा नहीं हो पाई है, जिससे अंदरूनी मतभेदों की चर्चा तेज है। ऐसे में लालू यादव का यह कदम न सिर्फ राजनीतिक रूप से साहसिक माना जा रहा है, बल्कि विपक्षी गठबंधन की दिशा तय करने वाला भी साबित हो सकता है।
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