दिनांक – 04 मार्च 2025
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पंचमी शाम 03:16 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र – भरणी 05 मार्च रात्रि 02:37 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग – ब्रह्म 05 मार्च रात्रि 02:07 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल – शाम 03:47 से शाम 05:16 तक
सूर्योदय 06:10
सूर्यास्त – 05:43
दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
व्रत पर्व विवरण-
विशेष- पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)यह कार्य इस दिन से भूलकर भी नही करे आती है परेशानी
नजर-दोष निवारण के लिए
घर में किसीको नजर लगी हो तो घर के आँगन में तुलसी का पौधा (गमले में या जैसी व्यवस्था हो) लगाकर उसके सामने रोज सायंकाल में दीपक प्रज्वलित करें ।
भय दूर करने हेतु
आनंद रामायण में आता है कि सोते समय या प्रात: अथवा यात्रा के आरम्भ के समय कोई भयभीत व्यक्ति हनुमानजी के ये १२ नाम लेता है तो उसका भय दूर हो जाता है |
१] हनुमान
२] अंजनीसुत (अंजनीपुत्र)
३] वायुपुत्र
४] महाबली
५] रामेष्ट अर्थात रामजी के प्रिय
६] फाल्गुनसख ( अर्जुन के मित्र)
७] पिंगाक्ष (भूरे नेत्रवाले)
८] अमिताविक्रम ( अनंत बलशाली)
९] उदधिक्रमण (समुद्र लाँघनेवाले )
१०] सीताशोकविनाशन
११] लक्ष्मणप्राणदाता
१२] दशग्रीवदर्पहा अर्थात रावण के घमंड को दूर करनेवाले|
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