रांची। झारखंड में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है। संभावना यह जताई जा रही है कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाएगा।
विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रही और पार्टी को महज 21 सीटें ही हासिल हुई हैं। ऐसे में लगातार दूसरी बार विपक्ष में बैठने को मजबूर भाजपा ने सदन के अंदर सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी कर ली है।
विपक्षी दलों में सर्वाधिक सीट होने की वजह से भाजपा का ही नेता प्रतिपक्ष होगा। ऐसे में पार्टी सबसे पहले विधायक दल के नेता का चयन कर विधानसभा को नेता प्रतिपक्ष उन्हें नामित करने का आग्रह करेगी।
नेता प्रतिपक्ष की रेस में भाजपा के कई चेहरेः
नेता प्रतिपक्ष की रेस में भाजपा के कई चेहरे शामिल हैं। पार्टी अभी यह तय करने में जुटी है कि यह जिम्मेदारी ट्राइबल या नन ट्राइबल में से किसे दें। वर्तमान समय में ट्राइबल फेस में दो बड़े चेहरे नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में हैं।
इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व सीएम चंपाई सोरेन शामिल हैं। यदि पार्टी किसी ट्राइबल फेस में से किसी को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहेगी तो इसमें से किसी एक का नाम तय हो सकता है।
संगठन की जिम्मेदारी निभानी है बाबूलाल कोः
चूंकि प्रदेश भाजपा का सदस्यता अभियान के साथ संगठनात्मक चुनाव फरवरी तक पूरा होना है। ऐसे में पार्टी के द्वारा नए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी और को देकर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है।
बताते चलें कि बीजेपी चुनाव के वक्त कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कुमार राय को बनाकर संकेत दे चुकी है। बाबूलाल मरांडी के अलावे दूसरा नाम पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का है, जिन्हें चुनाव के वक्त जेएमएम से तोड़कर पार्टी में शामिल कराया गया था।
यदि नन ट्राइबल को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय होता है, तो उसमें सीपी सिंह सहित कई चेहरे पार्टी में हैं। हालांकि संसदीय कार्य का लंबा अनुभव और पार्टी के अंदर मजबूत पकड़ का लाभ रांची सीट से लगातार सातवीं बार चुनाव जीतने वाले सीपी सिंह को मिल सकता है।
सत्र शुरू होने से पहले हो जाएगा तयः बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष को लेकर बाबूलाल मरांडी का कहना है कि सत्र शुरू होने से पहले तय हो जाएगा। कुछ इसी तरह के संकेत भाजपा प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी दिया है।
बहरहाल, संभावना यह है कि आगामी 9 दिसंबर से बुलाए गए झारखंड विधानसभा के सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन हो जाएगा।
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