रांची। झारखंड में जल्द ही चुनावी बिगुल बजनेवाला है। चुनाव आयोग की टीम इसे लेकर दो दिनों तक रांची में थी। अब टीम यहां से महाराष्ट्र जा रही है।
वहां तैयारियों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग झारखंड में चुनाव कराये जाने पर निर्णय लेगा और इसकी घोषणा भी करेगा।
झारखंड विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है और राज्य में 81 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव निर्धारित हैं।
इस बार झारखंड में करीब दो करोड़ 59 लाख मतदाता वोटिंग करेंगे। चुनाव तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के साथ मिलकर रांची में समीक्षा बैठक की।
दो दिवसीय बैठक के दौरान राजनीतिक दलों और राज्य के अधिकारियों की ओर से उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
भारत निर्वाचन आयोग की टीम की जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारी के साथ मैराथन बैठक हुई।
राजनीतिक दलों ने की सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को बताया कि 2 दिनों तक चली अलग-अलग बैठकों में चुनाव तैयारियों की समीक्षा की गई।
इस दौरान सबसे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई। इसमें नेशनल और रीजनल पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कहा कि बूथों पर 100 प्रतिशत सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए, पोलिंग एजेंट को बूथ से हटा दिया जाता है, जो गलत है।
सीमा को सील कर अभियान चलाने का निर्देश
निर्वाचन आयोग की टीम ने एनफोर्समेंट एजेंसी, विभिन्न जिलों के डीसी और एसपी के साथ भी अलग से बैठक की, जिसमे सभी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि पूरा चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। सभी को बराबर का सहभागी होना पड़ेगा।
किसी को प्रलोभन नहीं देना है। चतरा, खूंटी और लातेहार जैसे सेंसिटिव क्षेत्र में ड्रग्स पर पूरी तरह से लगाम लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही बॉर्डर को सील करने का निर्देश दिया गया है।
अगल-बगल के राज्य से चुनाव के समय झारखंड में डिस्टरबेंस नहीं होना चाहिए। ऐसा भी निर्देश दिया गया है।
11.05लाख मतदाता पहली बार डालेंगे वोट
इस बार झारखंड में 2.59 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं में 11.05 लाख पहली बार वोट डालने वाले युवा हैं। चुनाव आयोग का उद्देश्य एक सुगम और सहभागी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
चुनाव को एक उत्सव की तरह बनाने के लिए स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने और शहरी क्षेत्रों में मतदान की जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
वहीं राजनीतिक दलों ने चुनाव अभियान के दौरान हेट स्पीच, चुनावी धन के उपयोग में पारदर्शिता, और अवैध नकदी व मुफ्त उपहारों के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
राजनीतिक दल के सहयोगी अधिकारियों पर कार्रवाई
झारखंड में चुनाव निष्पक्ष हो, समय से हो,अच्छे से हो। यही बैठक के दौरान निर्देश दिया गया है। राजीव कुमार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी तरह की घटना और समस्या नहीं हुई थी।
प्रशासन पूरी तरह से चुस्त था। सभी एसपी डीसी को निर्देश दिया गया है कि चुनाव के समय आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहेगा। पदाधिकारी को अपने रास्ते पर अडिग रहना है।
आरोपों से डरना नहीं है और ना ही कोई गलती करनी है। अगर कोई अधिकारी किसी राजनीतिक दल को सहयोग करेगा। तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र से लौटने के बाद झारखंड में चुनाव पर निर्णय
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा चुनाव कराने के लिए तैयार रहती है। झारखंड से लौटने के बाद तय हो जाएगा कि चुनाव कब होगा। कल जम्मू कश्मीर में वोटिंग है। वहां पर मतदाताओं का उत्साह बढ़ा है।
परसों महाराष्ट्र के विजिट पर चुनाव आयोग की टीम जाएगी। वहां से लौट के बाद झारखंड में चुनाव को लेकर निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो वोटिंग का नजारा कश्मीर में होगा। वही नजारा जनरल इलेक्शन में बस्तर,मणिपुर, त्रिपुरा में सभी जगह मिला।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभियान शुरू करने का निर्देश
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बहुत सख्त निर्देश दिए गए हैं और उन्हें सुझाव दिया गया है। कैंपेनिग शुरू हो। सब को बराबर का समय मिलना चाहिए और जब वोटर वोट देने आए। तो पोलिंग स्टेशन पर सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। माहौल अच्छा होना चाहिए।
रोल टू पोल यही हमारा काम है। हर पोलिंग स्टेशन पर पॉलीटिकल पार्टी ने कहा था कि 200 मीटर के अंदर बूथ नहीं है। वहां लाने जाने की व्यवस्था की जाएगी।
सभी को डायरेक्शन दिया गया है कि पोल शुरू होने से 5-6 दिन पहले बूथ पोलिंग स्टेशन के गेट से 200 मीटर दूर होगा। यह सुनिश्चित कर दें। साथ ही पोस्टल वैलेट की गिनती की रिकॉर्ड रखी जाएगी। ताकि उसे देखा जा सके।
सीसीटीवी कैमरे से उसकी रिकॉर्डिंग रखेंगे। ताकि कोर्ट के माध्यम से कोई देख सके। पारदर्शिता के हिसाब से सारी चीजों को रिकॉर्डिंग होगी।
मतदाता जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश
साथ ही वोटर संख्या बढ़ाने के लिए झारखंड की जितनी भी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और खेल को लेकर जागृत जगह है। अभी धान की फसल काटने का भी समय है।
ऐसे में वोटर को जागरूक करने के लिए धान के आधार पर पिक्चर बनाकर, खेलो को लेकर पिक्चर्स बनाकर लोगों को मोटिवेट करने के निर्देश दिए गए है।
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