Cervical cancer:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य कैंसर है। यह गर्भाशय के निचले हिस्से यानी सर्विक्स (Cervix) में होता है, जो गर्भाशय को वेजाइना से जोड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 6 लाख महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित होती हैं, जबकि करीब 3.5 लाख की मौत हो जाती है। भारत में यह महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो खासकर 30 से 50 वर्ष की उम्र में अधिक देखा जाता है।
आरएमएल हॉस्पिटल की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सलोनी चड्ढा बताती हैं कि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण साधारण संक्रमण जैसे लगते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने इसके तीन प्रमुख लक्षण बताए हैं:
• असामान्य ब्लीडिंग: पीरियड्स के बीच, इंटरकोर्स के बाद या मेनोपॉज़ के बाद अचानक ब्लीडिंग होना।
• असामान्य डिस्चार्ज: बदबूदार, पानी जैसा या खून मिला डिस्चार्ज जो लंबे समय तक जारी रहे।
• पेल्विक एरिया में दर्द: पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द, इंटरकोर्स के दौरान असहजता या भारीपन महसूस होना।
विशेषज्ञ के अनुसार, इसके अलावा कमजोरी, वजन में कमी, पीठ या पैरों में दर्द, यूरीन करते समय जलन या बार-बार पेशाब लगना भी संकेत हो सकते हैं कि बीमारी बढ़ रही है।
कैसे करें बचाव?
• HPV वैक्सीन 9 से 26 वर्ष की उम्र में लगवाएं, यह संक्रमण से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
• हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं ताकि शुरुआती स्टेज में पहचान हो सके।
• असुरक्षित यौन संबंधों से बचें, धूम्रपान और शराब से दूरी रखें।
• स्वस्थ आहार और निजी स्वच्छता पर ध्यान दें।
विशेषज्ञ कहते है , “सर्वाइकल कैंसर अगर शुरुआती स्टेज में पकड़ा जाए, तो यह पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसलिए किसी भी असामान्य लक्षण को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।”
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