पुलिस ने दर्ज कराई अपहरण की आशंका की एफआईआर
रांची। जमीन घोटाले की जांच कर रहे ईडी को मैनेज करने के लिए 5.71 करोड़ रुपए की डील का आरोप लगने के बाद कांके सीओ जयकुमार राम तीन दिन से लापता हैं।
पंडरा थाने के दारोगा शंकर टोप्पो ने CO के अपहरण की आशंका जताते हुए कांके थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
डील मामले में जयकुमार के खिलाफ पंडरा ओपी में दर्ज केस में शंकर टोप्पो ही अनुसंधानकर्ता हैं।
क्या कहा गया है एफआइआर मेः
दारोगा ने एफआईआर में कहा है कि वकील सुजीत कुमार ने कांके सीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जांच के दौरान उनका बयान दर्ज करना चाहा।
इसके लिए सीओ के घर-ऑफिस सहित अन्य जगहों पर गया। लेकिन वे नहीं मिले। 11 अक्टूबर से उनका मोबाइल भी बंद है। वे ऑफिस भी नहीं आ रहे हैं।
दुर्गा पूजा और विसर्जन जुलूस के दौरान डीसी-एसएसपी ने उनकी ड्यूटी भी लगाई थी। इसके बावजूद वे ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। एफआईआर दर्ज होने के बाद कांके पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ईडी को मैनेज करने के लिए पैसे देने का आरोपः
गौरतलब है कि जमीन कारोबारी संजीव कुमार पांडेय ने पंडरा ओपी में वकील सुजीत कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप था कि ईडी को मैनेज करने के नाम पर उन्होंने कांके सीओ जयकुमार राम से 3.40 करोड़, नामकुम के तत्कालीन सीओ प्रभात कुमार सिंह से 1.05 करोड़ और धनबाद डीटीओ दिवाकर द्विवेदी से एक करोड़ रुपए लिए थे।
जब ईडी की चार्जशीट में सभी का नाम सामने आ गया तो ये लोग दो अक्टूबर को वकील के ऑफिस पहुंचे और पैसे लौटाने को कहा।
वकील ने लिखकर दिया कि वह चार किस्त में पैसे चुका देंगे। 54 चेक भी दिए। वकील ने पंडरा ओपी में इनलोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
फोन नहीं उठा रहे अधिकारीः
पुलिस अधिकारियों में ईडी का इतना खौफ हो गया है कि वे फोन तक नहीं उठा रहे हैं। सीओ के लापता होने की एफआईआर दर्ज करने के बाद पंडरा ओपी प्रभारी ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
कांके थानेदार ने छुट्टी पर होने की बात कहकर प्रभारी थानेदार प्रवीण रजक से बात करने को कहा। लेकिन प्रवीण ने भी फोन नहीं उठाया।
मुख्यालय डीएसपी अमर कुमार पांडेय ने तो ऐसी जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। कुछ अधिकारियों ने फोन उठाया तो नाम न छापने की शर्त पर बात की।
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