सीओ दिवाकर प्रसाद को दिए 3.5 करोड़ घूस
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जमीन माफिया कमलेश ने एक बड़ा घोटाला करते हुए 2020 से 2024 के बीच फर्जी कागजात के आधार पर 85.53 करोड़ रुपये की जमीन बेच दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जानकारी अदालत को दी है और साथ ही इसके सबूत भी पेश किए हैं। कमलेश को गत 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, और वर्तमान में वह होटवार जेल में बंद है।
कमलेश के संबंध कई पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से भी रहे हैं। इस मामले में उसके साथ-साथ धनबाद के डीटीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, कांके के सीओ जयकुमार राम, और जमीन दलाल अमरेंद्र कुमार दुबे, अरविंद कुमार साहू तथा रेखा देवी के खिलाफ सितंबर में चार्जशीट दायर की गई थी। अब नई जानकारी के आधार पर कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान ले लिया है।
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि कमलेश ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी नीलामी पेपर और जमीन के दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों के आधार पर उसने बड़ी संख्या में जमीनों की खरीद-बिक्री की।
यहां तक कि जिन जमीनों की बिक्री कानूनी रूप से नहीं हो सकती थी, उन्हें भी सीओ और अंचल कार्यालय के कर्मचारियों से मिलीभगत कर बेचने में सफल रहा। इस घोटाले से अर्जित अपराध की आय सभी आरोपियों में बांटी गई।
अदालत को दी गई जानकारी के मुताबिक, कांके के तत्कालीन सीओ दिवाकर प्रसाद ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कमलेश को 43 एकड़ जमीन पर कब्जा करने में मदद की थी। इसके लिए उन्हें 3.50 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये कैश में दिए गए थे, जो रांची के जिला निबंधक राहुल चौबे के मोरहाबादी स्थित आवास पर दिए गए। दूसरी किस्त में 60 लाख रुपये भी राहुल के फ्लैट के पास दी गई। राहुल ने इसे स्वीकार किया है।
वहीं 1.50 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त रिंग रोड के पास दी गई, और चौथी किस्त का भी ऐसा ही भुगतान हुआ।
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