Kamakhya temple:
दिसपुर, एजेंसियां। असम के नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर के कपाट चार दिन के धार्मिक विराम के बाद गुरुवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर अंबुबाची महापर्व का विधिवत समापन भी हुआ, जो स्त्री और मासिक धर्म की पवित्रता को सम्मान देने वाला पर्व है।
Kamakhya temple:सुबह 5 बजे से देवी के दर्शन
रात 3:19 बजे ‘अंबुबाची निवृत्ति’ की औपचारिक घोषणा के बाद सुबह 5 बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट आम भक्तों के लिए खोले गए। वैदिक विधियों से शुद्धिकरण के बाद देवी को नए वस्त्र और आभूषण पहनाए गए, फिर श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिली। जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। मंदिर खुलते ही मंत्रोच्चार, घंटियों की गूंज और पुष्पों की सुगंध से वातावरण भक्तिमय हो गया।
Kamakhya temple:राज्यपाल ने आम श्रद्धालुओं संग किए दर्शन:
असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपने परिवार सहित मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने वीआईपी सुविधा न लेकर सामान्य पंक्ति में खड़े होकर दर्शन किए, जिसे लोगों ने सरलता और समावेशिता की मिसाल बताया। इस वर्ष मंदिर प्रशासन ने किसी भी वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं दी। सभी भक्तों को एक ही पंक्ति में दर्शन करना अनिवार्य था, जिसे “आध्यात्मिक लोकतंत्र” के रूप में सराहा गया।
असम के मंदिरः ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का केंद्र
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