चंपाई कैबिनेट में जगह और पार्टी में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
रांची। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक गतिविधियां कुछ कम होने की उम्मीद है।
पर इसके साथ ही झारखंड के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ने की संभावना दिखने लगी है।
पिछले 3 महीनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा में स्टार बन कर उभरी कल्पना सोरेन को कुछ बड़ी जिम्मेदारियां मिलने जा रही हैं।
झारखंड में इंडी एलायंस की स्टार रहीं कल्पना मुर्मू सोरेन भी अब बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं।
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा होनी शुरू हो गई है कि कल्पना मुर्मू सोरेन को चंपाई सोरेन कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
खास तौर पर बीते शनिवार को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ जेल में हुई मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को बल मिला है कि कल्पना को मंत्री बनाया जा सकता है।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान कल्पना मुर्मू सोरेन ने पार्टी को संकट से उबारा।
अपनी प्रभावशाली आवाज से वह लोगों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की बात पहुंचाने में सफल रहीं। इतना ही अपने भावुक संदेशों से भी वह जनता के दिल में पहुंची।
चर्चा तो यह भी है कि ना सिर्फ कल्पना को मंत्री पद मिलेगा बल्कि उनको झामुमो संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
पार्टी उपाध्यक्ष और महासचिव का पद मिलने की चर्चा
झामुमो सूत्रों की मानें तो जल्द ही उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा का केंद्रीय उपाध्यक्ष या केंद्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि जिस तरह से कल्पना ने लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारक के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभाई, माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी वह अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी।
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी सह जेएमएम विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने देश और राज्य की राजनीति में तेजी से अपनी पहचान बनाई है।
आज की तारीख में उनकी गिनती इंडिया ब्लॉक के बड़े नेताओं में होती हैं। झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के बीमार होने और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन जेल चले जाने के बाद कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में आईं।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित किया
कल्पना सोरेन दिल्ली, मुंबई और रांची की महारैली में शामिल होकर देश के सामने यह मैसेज देने में सफल रहीं कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने साजिश रचकर उनके पति को जेल भेजा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान, कल्पना सोरेन ने इंडिया गठबंधन और झामुमो की ओर से सबसे बड़े स्टार प्रचारक के रूप में 150 से ज्यादा चुनावी सभाएं कीं।
अपने लिए गांडेय में वोट मांगीं तो सहयोगी दलों कांग्रेस, राजद और झामुमो के अन्य उम्मीदवारों के लिए भी चुनावी सभाएं कीं।
3 माह पहले हुई राजनीति में एंट्री
बता दें कि कल्पना सोरेन की राजनीति में औपचारिक तौर पर एंट्री 4 मार्च को गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली के साथ हुई।
इसके 12 दिनों के बाद जब लोकसभा चुनाव और झारखंड में गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हुआ, तो उन्होंने पार्टी और गठबंधन की ओर से प्रचार अभियान का मोर्चा संभाल लिया।
उन्होंने राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कीं और एक तरह से ढाई महीने के भीतर राज्य का चप्पा-चप्पा छान डाला।
पार्टी की ओर से उन्हें हेलीकॉप्टर मुहैया कराया गया, जिससे वह एक दिन में तीन-चार रैलियों में शामिल होती रहीं।
यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं होगी कि झारखंड लोकसभा चुनाव में जिस तरह से इंडि गठबंधन की बढ़त हुई है।
उससे यह माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं उसमें कल्पना मुर्मू सोरेन की भूमिका रही है।
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