साहेबगंज। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन रविवार को अपने पति के गढ़ बरहेट पहुंची है।
यहां उन्होंने लोगों से भावुक अपील की। कहा कि कल्पना ने कहा कि आपने बेटे को आशीर्वाद दिया है अब बहू को भी दें।
कहा कि जिस तरीके से हेमंत सोरेन को जेल में डाला गया है वो बड़ी साजिश है। ये अभी से नहीं 2019 के बाद से ही चल रहा है, जब आपके द्वारा चुनी गई आपकी सरकार झारखंड में बनी थी।
जब एक आदिवासी मुख्यमंत्री बनता है, तो एक आदिवासी को गर्व होता है कि मेरा बेटा-भाई-दादा-चाचा मुख्यमंत्री बने हैं। ये मेरी आवाज बनेगा। ये मेरे बारे में सोचेगा।
आपको जानकारी तो होगी ही 2019 में हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दोनों जगह से चुनाव लड़ा था। बरहेट से वो प्यार और आशीर्वाद मिला कि उन्होंने बरहेट को कभी नहीं छोड़ा।
यह वीरों की भूमि है
कल्पना सोरेन ने कहा कि जिस तरीके से हमारे पूर्वजों ने आजादी का सपना देखा था। जिस समय अंग्रेजो के नीचे तप से जल रहे तकलीफ झेल रहे लोगों ने हुंकार भरी थी।
उस वक्त झारखंड की भूमि का लाल ने अपनी हूल की आवाज अंग्रेजो के खिलाफ खड़ी कर दी थी। ये वीर भूमि उस उबलते हुए आग और आजादी के तड़पते हुई आत्मा की है।
उस वक्त हमारे हूल के दौरान झारखंड में वो आग चिंगारी जल चुकी थी। उस समय के कोई साधन नहीं था।
न सड़क थी, न संवाद का जरिया था। उस वक्त हमारे आदिवासी,मूलवासी ने अपने अंदर हुकांर भरी कि तकलीफ चाहें जितनी भी हो लेकिन गुलामी की जिंदगी नहीं जिएंगे।
गुरुजी को याद करते ही छलकी आंखें
कल्पना सोरेन ने कहा कि आपने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की कहानी तो बहुत सुनी होगी। और उस तकलीफ को थोड़ा कम शब्दों में बयां करू..वह सुनने लायक तो नहीं है लेकिन आप सुनिएगा जरूर…बाबा का नेमरा गांव से बाहर क्यों निकले, किसके लिए निकले। क्यों उन्होंने अपना गांव छोड़ा?
उनके पिताजी की हत्या हो गई थी। उनके शरीर के इतने टुकड़े किए गए थे कि उसको चुनने में घंटों लगे थे। बोरा में भरकर शरीर का एक-एक टुकड़े को लाया गया, कुछ मिला कुछ नहीं मिला।
महाजनी प्रभा उस वक्त चरम पर थी। ये उस दर्द की कहानी है जो शिबू सोरेन को दिशोम गुरु बनाती है। इतना कहते-कहते कल्पना भावुक हो गई और उनकी आंखें छलक पड़ी।
फिर रूंधे गले से कहा- दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड को नई पहचान दी। बाकी हमसब आदिवासी-मूलवासी,अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग को कोई पूछने नहीं आता था। उसे पहचान दी।
हमारे इस वीर भूमि में जहां हम आज गर्व से खड़े होकर बात करते हैं कि हम झारखंडी है, उसको यह आत्मसम्मान किसने दिलाया था?
ये हमारे गुरुजी ने दिलाया। लड़ेंगे, जी जान से लड़ेंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं। क्योंकि झारखंड कभी झुकता नहीं है।
हेमंत सोरेन ने राज्य के लिए बहुत काम किया
कल्पना सोरेन ने आगे कहा कि जब राज्य अलग हुआ, तो हमारे विपक्षों ने 20 साल तक शासन किया। फिर जब आपके द्वारा चुनी गई हमारी सरकार बनी, आदिवासी सरकार बनी, तब उन्होंने अबुआ दिशोम अबुआ राज्य का संकल्प लिया।
इनके द्वारा किये गये कार्यो को याद करें सर्वजन पेंशन,बच्चों के लिए किशोरी योजना। अब तो आवुआ आवास योजना के तहत आपको घर भी मिल रहा है।
कल्पना सोरेन ने कहा कि चंपाई सोरेन महिलाओं के लिए आज बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं। हमारी महिलाओं,बहने,दीदी सबलोगों से जुड़ा हुआ कार्यक्रम है।
ऐसे क्यों होता है हम महिला दिवस के दिन महिलाओं को याद करते हैं। बीते 4 सालों में महिलाओं के लिए आपके हेमंत दादा ने इतनी योजनाएं बनाई है, जिससे स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा पाकर अपने आप को सुदृढ़ कर सकें।
एक महिला अगर शिक्षित है तो एक घर,उसका परिवार शिक्षित है। कस्बा,गांव जब सब शिक्षित होगा तब आपको अपने हम और अधिकार के लिए लड़ने के लिए दूसरों के आगे झूकना नहीं पड़ेगा।
माताओं-बहनों के लिए सर्वजन पेंशन की योजना का वितरण किया है। बुजुर्गों को कहना चाहूंगी कि आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आपका हेमंत बेटा आपके साथ खड़ा है।
आपके अपने बच्चों के अलावा एक अन्य बेटा आपके साथ हैं, जो हमेशा आपके साथ खड़ा है। बुढ़ापे की लाठी की तरह आपके साथ खड़ा है।
इज्जत स्वाभिमान के साथ आप अपनी जिंदगी जिए। क्योंकि झारखंड का बेटा कभी झुकता नहीं है। आप सभी का प्यार और आशीर्वाद आप सभी के साथ हमेशा बना रहे तो इसलिए मेरे साथ जोर से बोलिएगा, ताकि इस मैदान से ये आवाज होटवार जेल तक पहुंचे।
आपके दादा तक पहुंचे, ताकि उनको ये याद रहे कि आपका पूरा परिवार आपका बरहेट परिवार आपको उस दर्द के साथ बुला रहे कि आप जल्द से जल्द बाहर आएं।
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