रांची। JSSC CGL के रिजल्ट का विरोध कर रहे अभ्यर्थी आज JSSC कार्यालय का घेराव करने पहुंचे हैं। वहीं, छात्रों का एक और जत्था भी यहां पहुंचा है, जो इस परीक्षा में सफल हुए हैं। इन्हें आयोग ने डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए बुलाया है।
पर पुलिस ने आंदोलनकारी छात्रों को रोकने के लिए जो तैयारी की है, उससे इन छात्रों को भी दो चार होना पड़ रहा है। ये छात्र अपना मूल प्रमाण पत्र लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं कि आखिर आयोग के कार्यालय तक पहुंचे कैसे।
दरअसल, JSSC CGL का रिजल्ट आने के बाद ही आयोग ने डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन का डेट भी अनाउंस कर दिया है। इसकी तिथि 16 से 20 दिसंबर रखी गई है। पर डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए पहुंचे छात्र भी आंदोलनकारी छात्रों के साथ जौ के साथ घुन की तरह पिस रहे हैं।
बताते चलें कि आंदोलनकारी छात्र इस पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। पर यहां उन छात्रों के बारे में भी सोचना जरूरी है कि जिन्होंने ईमानदारी और मेहनत से इस परीक्षा में सफलता पाई। यदि पूरी परीक्षा ही रद्द हुई, तो उनका क्या होगा।
ईमानदारी पास करनेवाले छात्र क्या हताश नहीं होंगे। ऐसे निराश छात्रों के साथ क्या ये अन्याय नहीं होगा।
आरोपों को नकार रहा आयोगः
इस पूरे मामले में झारखंड स्टेट स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने भी अपना पक्ष रखा है। इस परीक्षा को लेकर आयोग का कहना है कि इसमें गड़बड़ी नहीं है। छात्रों का आरोप बेबुनियाद है। आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि अभ्यर्थियों ने जो सबूत दिए थे, उससे कहीं साबित नहीं होता कि पेपर लीक हुआ है।
3 बार उन्होंने सीडी दी, लेकिन उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं था। जांच कमेटी ने छात्रों द्वारा सौंपे गये सबूतों की पुख्ता जांच की, लेकिन कहीं से साबित नहीं हुआ कि पेपर लीक हुए थे। उन्होंने कहा कि अभी रिजल्ट नहीं मेरिट लिस्ट जारी किया गया है, ताकि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जा सके।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद फाइनल रिजल्ट जारी होगा। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के ज्यादा पास होने का आरोप भी गलत है।
सीएम ने दिया सीआइडी जांच का आदेशः
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने भी संज्ञान लिया है। सीएम हेमंत सोरेन ने इस परीक्षा में लग रहे गड़बड़ी के कथित आरोपों की जांच सीआईडी को करने को कहा है। सीएम के इस आदेश के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोधः
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में भी पेपर लीक हुआ है। चूंकि परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद रखा गया था, इसलिए तुरंत पेपर लीक के मामले सामने नहीं आ सके। इसके साथ ही उनका आरोप है कि यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर को ली गई।
21 सितंबर को जो परीक्षा ली गई थी, उसके रिजल्ट में केवल 82 स्टूडेंट पास किए। जबकि 22 सितंबर की परीक्षा के रिजल्ट में 2149 उम्मीदवारों को पास दिखाया गया।
यह अपने-आप में अनियमितता को दर्शाता है।
अभी तक कटऑफ नहीं जारी किया जाना, कम मार्क्स वाले को सफल बताया जाना, साफ संकेत है कि परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई है। छात्र इस परीक्षा की सीबीआई जांच की भा मांग कर रहे हैं।
आक्रोशित छात्र पहुंचे आयोग कार्यालय घेरनेः
इस परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए राज्य भर के छात्र आक्रोशित हैं। आक्रोशित छात्रों का महाजुटान सोमवार के जेएसएससी कार्यालय में हो रहा है। पूरे राज्य से बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे हैं।
राज्य में अलग-अलग जिलों में इस महाजुटान को लेकर छात्रों के बीच मैसेज भेजा गया है। वहीं आज से ही संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी शुरू हो रहा है।
ऐसे में किसी भी तरह के हिंसात्मक विरोध को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है। पुलिस की तैयारी ऐसी है कि आंदोलन कर रहे छात्र जेएसएससी कार्यालय तक पहुंच ही न सकें।
इसके लिए नामकुम इलाके में मौजूद जेएसएससी कार्यालय और वहां तक पहुंच के सभी रास्तों में बैरिकैडिंग कर दी गई है। पूरे इलाके में धारा 163 लगा दी गई है। किसी भी उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस ने जेएसएससी कार्यालय के बाहर फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन और वज्र वाहन तैनात किए हैं।
प्रशासन वीडियोग्राफी और ड्रोन के जरिए भी आज से ही नजर रखे हुए है। वहीं पुलिस के तमाम बड़े अधिकारियों ने इलाके का जायजा भी लिया है। पूरे जेएसएससी कार्यालय और आसपास के क्षेत्र को हाई सेक्यूरिटी जोर में तब्दील कर दिया गया है।
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