JPSC civil service examination: JPSC की 11वीं-13वीं सिविल सेवा परीक्षा की होगी जांच, राज्यपाल के निर्देश पर हो रही कार्रवाई [JPSC’s 11th-13th civil service examination will be investigated, action is being taken on the instructions of the Governor]

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रांची। झारखंड की 11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने जांच का निर्देश दिया है। इस संबंध में राजभवन के अवर सचिव ने झारखंड लोक सेवा आयोग यानी JPSC के अध्यक्ष को पत्र भेजकर मामले की जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

JPSC civil service examination: रघुवर दास और अन्य ने की शिकायतः

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हाल ही में राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी। उन्होंने परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। इसी तरह अभ्यर्थियों की ओर से प्रेम कुमार समेत कई लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
ज्ञापन में यह आरोप लगाया गया है कि परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल माध्यम से किया गया, जबकि आयोग द्वारा निर्धारित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) में परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने का प्रावधान है। डिजिटल मूल्यांकन में यह प्रक्रिया संभव नहीं हो पाई, जिससे अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का अवसर नहीं मिला।

JPSC civil service examination: अनुभवहीन शिक्षकों से कराया मूल्यांकनः

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अनुबंध आधारित और अयोग्य शिक्षकों से कराया गया। नियमानुसार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन केवल ऐसे शिक्षकों से कराना चाहिए, जिनके पास विश्वविद्यालय स्तर पर 10 वर्षों का अनुभव या स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढ़ाने का कम से कम 5 वर्षों का अनुभव हो। लेकिन, आयोग ने इस नियम की अनदेखी करते हुए अनुबंध शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य कराया।

JPSC civil service examination: थर्ड पार्टी एजेंसी की भूमिका संदिग्धः

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि परीक्षा प्रक्रिया में थर्ड पार्टी एजेंसी को शामिल किया गया, जिससे परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई। इस एजेंसी का चयन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से नहीं हुआ, जो सरकारी प्रक्रिया के उल्लंघन के अंतर्गत आता है।

JPSC civil service examination: पैसे मांगने वाले फोन कॉल्स की भी शिकायतः

अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया है कि अगस्त-सितंबर 2024 में सैकड़ों उम्मीदवारों को फोन कॉल आए, जिनमें कॉल करने वालों ने अंकों में बढ़ोतरी के लिए पैसे की मांग की। कॉल करने वालों के पास अभ्यर्थियों की गोपनीय जानकारी जैसे रोल नंबर, आधार संख्या, शैक्षणिक अंकों की जानकारी और परीक्षा केंद्र तक की जानकारी थी। इस संबंध में निरसा थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

JPSC civil service examination: रिजल्ट में भी कई गड़बड़ियाः

ज्ञापन में बताया गया कि परीक्षा परिणाम में त्रुटियां थीं, जिसके कारण कई सदस्यों ने परिणाम पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके अतिरिक्त मुख्य परीक्षा के एक सप्ताह पहले आयोग द्वारा आवेदन पोर्टल दोबारा खोलने से भी अभ्यर्थियों के बीच संदेह उत्पन्न हुआ।

JPSC civil service examination: अंतिम चरण में नियुक्ति प्रक्रियाः

11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सेवा परीक्षा को एक साथ आयोजित किया गया है। कुल 342 पदों के लिए परीक्षा प्रक्रिया 27 जनवरी 2024 से चल रही है। 10 जून से 23 जून 2025 तक इंटरव्यू आयोजित किए गए, जिसमें 864 में से लगभग 860 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। उनका मेडिकल परीक्षण भी पूरा हो गया है। अब केवल अंतिम परिणाम की घोषणा करना बाकी है।

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