Ghatsila by-election:
रांची। झारखंड की राजनीति में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर हलचल बढ़ी हुई है। दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा रणनीति बनाने में जुटा है।
पार्टी की विस्तारित केंद्रीय समिति 15 अक्टूबर को रांची में होने वाली बैठक में प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी। पार्टी नेताओं के अनुसार, रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन पर ही दांव लगाया जा सकता है। पर अंतिम निर्णय सीएम हेमंत सोरेन ही लेंगे।
सोमेश के नाम की सिफारिशः
घाटशिला विधानसभा कमेटी ने पहले ही सर्वसम्मति से सोमेश के नाम की सिफारिश कर दी है और आलाकमान से हरी झंडी मिलने की पूरी उम्मीद है। यह उपचुनाव रामदास सोरेन की विरासत को मजबूत करने का अवसर बनेगा, जहां आदिवासी वोट बैंक झामुमो का मजबूत आधार रहा है।
15 अगस्त को हुआ था रामदास सोरेन का निधनः
रामदास सोरेन का निधन बीते 15 अगस्त को हुआ था, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई। वे हेमंत सोरेन सरकार में शिक्षा मंत्री थे। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से दिवंगत रामदास सोरेन के परिजनों से मुलाकात की थी।
प्रत्याशी को लेकर पार्टी में संशय नहीः
झामुमो के सूत्रों ने साफ कर दिया है कि प्रत्याशी को लेकर कोई संशय नहीं है। एक पार्टी नेता ने बताया कि भाजपा लगातार अफवाहें फैला रही है, ताकि सीट पर भ्रम की स्थिति पैदा हो।
भाजपा में संशय की स्थितिः
भाजपा खुद पिछड़ रही है, इसलिए वे झामुमो में मतभेद दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
वास्तव में, भाजपा में ही प्रत्याशी बदलने का दबाव है। भाजपा ने कई नामों का पैनल भेजा है, लेकिन अंतिम फैसला बाकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन यहां से पिछले विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, फिर भी भाजपा उनकी उम्मीदवारी पर विचार कर रही है। झामुमो का दावा है कि घाटशिला में उनकी पकड़ मजबूत है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी ने यहां शानदार जीत दर्ज की थी।
दो चुनाव से झामुमो हावीः
2019 और 2024 के चुनावों में रामदास सोरेन ने भाजपा प्रत्याशियों को करारी शिकस्त दी थी। आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में विकास, शिक्षा और जनजातीय अधिकारों के मुद्दे प्रमुख हैं। झामुमो कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। हाल ही में घाटशिला में हुई पार्टी बैठक में रणनीति तय की गई, जहां कार्यकर्ताओं को मतदाताओं तक पहुंचने का निर्देश दिया गया।
गठबंधन का पूरा समर्थनः
उपचुनाव में गठबंधन का मजबूत समर्थन झामुमो को मिलेगा। कांग्रेस ने झामुमो के प्रत्याशी को समर्थन देने का एलान कर दिया है। एआईसीसी ने जेपीसीसी को निर्देश जारी किए हैं कि गठबंधन वोट एकजुट होकर झामुमो की जीत सुनिश्चित करें।
यह फैसला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू की गतिविधि को लेकर दिया गया, जो क्षेत्र में सक्रिय हैं। बलमुचू यहां से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने यहां से सीट की दावेदारी की थी। इसके बाद कांग्रेस के प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं ने उन्हें बातचीत कर मनाया।
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