SCO Summit 2025:
तियानजिन, एजेंसियां। 1 सितंबर 2025 – शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दुनिया के मौजूदा हालात पर तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सभी देशों को न्याय और निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए और मिलकर कोल्ड वॉर मानसिकता, गुटबाजी और दबाव की राजनीति का विरोध करना चाहिए।
यह बयान उस समय आया है जब चीन और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है. जिनपिंग के भाषण के दौरान मंच पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे।
चीन-अमेरिका तनाव की पृष्ठभूमि:
डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने चीन पर भारी 100% से ज्यादा टैरिफ लगाए, जिससे ट्रेड वॉर भड़क गया। कुछ समझौतों के बावजूद दोनों देशों के बीच रिश्ते अभी भी तल्ख बने हुए हैं। जिनपिंग का यह संदेश सीधे तौर पर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की दबाव वाली राजनीति के खिलाफ माना जा रहा है।
ट्रंप का भारत और रूस पर दबाव:
हाल ही में ट्रंप ने भारत पर भी 50% टैरिफ लगाए हैं, वजह रूस से कच्चे तेल की खरीद। अमेरिका लगातार रूस पर यूक्रेन युद्धविराम का दबाव बना रहा है।
ट्रंप ने हाल ही में अलास्का में पुतिन से मुलाकात की और फिर वॉशिंगटन डीसी में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बैठक की।
SCO Summit 2025 में कौन शामिल?
31 अगस्त से शुरू हुआ यह शिखर सम्मेलन चीन के तियानजिन में दो दिन तक चलेगा। इसमें शामिल देश हैं –
स्थायी सदस्य: चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस अन्य प्रतिभागी: 16 देश पर्यवेक्षक या संवाद साझेदार के रूप में जुड़े हैं।
जिनपिंग के इस बयान ने SCO समिट को ग्लोबल सुर्खियों में ला दिया है।अब सबकी नजरें इस पर हैं कि क्या भारत और रूस इस मुद्दे पर चीन का साथ देंगे या अमेरिका के साथ संतुलन साधेंगे।
इसे भी पढ़ें