रांची। ईडी की कार्रवाई ने एक बार फिर झारखंड में हलचल मचा दी है। बीते मंगलवार को ईडी द्वारा कोर्ट में पेश किये सबूतों में दो झामुमो नेताओं के व्हाट्सएप चैट का जिक्र है, जिसने झारखंड की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है।
दरअसल ये चैट जमीन घोटाले में फंसे अंतु तिर्की के हैं, जिसने ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य को भेजा था।
हालांकि सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखा है और कहा है कि ईडी अब उन्हें टारगेट कर रही है। वहीं भाजपा इस मामले को लेकर झामुमो पर हमलावर है।
उधर, ईडी अब झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य को समन भेजने की तैयारी कर रही है, ताकि उनका पक्ष जाना जा सके। उनसे झामुमो नेता अंतू तिर्की के मोबाइल में मिले ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने के वॉट्सएप मैसेज के संबंध में पूछताछ होगी। ईडी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
बता दें कि बड़गाई अंचल में हुए जमीन घोटाला मामले में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान अंतू तिर्की सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। अंतू तिर्की को रिमांड पर लेकर ईडी ने लंबी पूछताछ की थी।
पूछताछ के दौरान ईडी को अंतू के मोबाइल की जांच में जमीन घोटाले के अलावा कई और चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी थी। इसमें सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की भी जानकारी थी।
इस संबंध में ईडी ने पीएमएलए की विशेष कोर्ट को भी जानकारी दी है। अंतू तिर्की के चैट के मुताबिक उसने सुप्रियो भट्टाचार्य को ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए वॉट्सएप मैसेज किया था।
मैसेज में लिखा था कि खूंटी के तत्कालीन डीसीएलआर जितेंद्र मुंडा को रांची डीएलएओ बनवाना है। अब इसी चैट के संबंध में सुप्रियो भट्टाचार्य से ईडी समन कर पूछताछ की तैयारी में है।
अंतू तिर्की से पहले जमीन घाटोला के एक अन्य आरोपी आर्किटेक्ट बिनोद सिंह के मोबाइल से भी ईडी को ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित वॉट्सएप मैसेज मिले थे। जिसमें बिनोद सिंह ने डीसी और जेल अधीक्षक के पद पर पोस्टिंग कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मैसेज भेजा था।
ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैरवी संबंधी चैट पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं समाज में रहता हूं। मेरे पास मोबाइल है। इस मोबाइल पर स्वास्थ्य, शिक्षा, ट्रांसफर-पोस्टिंग, शादी-विवाह आदि न जाने कितने क्षेत्रों से जुड़े विषयों को लेकर फोन आता है।
वह मुख्य सचिव, डीजीपी, डॉक्टर, इंजीनियर को भी फोन करते हैं। बातचीत होती है। उसमें यह देखा जाना चाहिए कि बातचीत का सरोकार क्या है।उन्होंने सवाल उठाया कि चैट का स्क्रीन शॉट बाहर कैसे आया। क्या यह चार्जशीट में शामिल है।
सच यह है कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है, ताकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें लोग चोर समझे। झामुमो के चेहरे को काला कर दो। लेकिन ऐसा नहीं होगा। अगर होटवार जाना पड़ा तो अच्छा ही होगा। अपने नेता का साथ दूंगा। वहां से भी विज्ञप्ति बना कर अधीक्षक के माध्यम से प्रेस को जारी करूंगा।
कोई मेरी आवाज बंद नहीं कर सकता। कुछ दिन पूर्व ही ईडी के एक अधिकारी ने कहा था-यू शुड म्युट योर माइक। पर ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उनके मोबाइल में कई लोगों के फोन रिकार्ड हैं। भाजपा के मित्रों के भी। लेकिन वह कुछ कीमत के लिए अपना जमीर नहीं बेच सकते।
मित्रों को जलील नहीं कर सकते। क्योंकि सुप्रियो गलती कर सकता है, गद्दारी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि चैट में जिस अधिकारी का नाम है, क्या उसका ट्रांसफर हुआ है।
इधर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सीएम चंपाई से मामले की जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई बाहर आ सके। शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का हाथ जमीन दलालों के साथ है।
उन्होंने कहा कि पीएमएलए कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों ने स्पष्ट कर दिया है कि झामुमो नेता अंतु तिर्की, सद्दाम हुसैन, अफसर अली समेत तमाम लोगों ने यह स्वीकार किया है कि हेमंत सोरेन की 8.86 एकड़ जमीन का फर्जी कागजात उन्हीं लोगों ने तैयार किया था।
प्रतुल ने कहा कि इन अभियुक्तों ने यह भी स्वीकार किया है कि वे ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए पैरवी करते रहे हैं।
बहरहाल अब यह मामला तूल चुका है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। साथ ही, इसे लेकर राजनीति भी परवान चढ़ने लगी है। सच्चाई भविष्य के गर्भ में है। पर तय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मामला उछलेगा जरूर।
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