रांची। नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार छात्रों के एडमिशन पर तलवार लटक गई है। एक ओर जहां एम्स पटना में कमेटी का गठन कर तीन छात्रों के निष्कासन की कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, रिम्स की एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी के निष्कासन के लिए भी कमेटी बन गई है।
बता दें कि सीबीआई ने 30 घंटे तक पूछताछ के बाद सुरभि को गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी ने रिम्स प्रबंधन को गिरफ्तारी की सूचना दे दी है। उसका मेडिकल भी कराया गया है।
सीबीआई ने सुरभि का अटेंडेंस रजिस्टर और हॉस्टल का एंट्री रजिस्टर मंगाया है। उसका लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त कर लिया है।
अब रिम्स प्रबंधन ने जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. शिव प्रिये, डेंटल कॉलेज के डॉ. अजय शाही, एनाटॉमी विभाग के हेड डॉ. एके दूबे और पीडियाट्रिक विभाग की डॉ. सुनंदा झा को शामिल किया गया है।
यह कमेटी मामले की जांच कर छात्रा को रिम्स से निष्कासित करने की अनुशंसा करेगी।
सुरभि के घर पहुंची सीबीआई
उधर, हजारीबाग में कैंप कर रही सीबीआई की टीम रामगढ़ टूटी झरना स्थित मनमोहन नगर में सुरभि के घर पहुंची। वहां ताला लटका था।
सुरभि कुमारी को सीबीआई ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद उसे पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिया। पटना एम्स से गिरफ्तार छात्रों से पूछताछ के बाद सुरभी का नाम सॉल्वर के रूप में सामने आया था।
10 लाख में हुई थी डील
सीबीआई की पूछताछ में सुरभि ने स्वीकारा है कि उसने नीट का पेपर सॉल्व किया था। इसके लिए पेपर लीक गिरोह ने 10 लाख रुपए देने की बात कहीं थी। कुछ पैसे मिले, लेकिन पेपर लीक का मामला सामने आने और अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद गिरोह अंडर ग्राउंड हो गया।
इसलिए पूरी राशि नहीं मिली। उसे कितने पैसे मिले, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नीट यूजी 2023 की परीक्षा में सुरभि को ऑल इंडिया रैंक 56 मिला था। जांच एजेंसी अब यह जांच भी कर रही है कि कहीं उसका पहले से ही पेपर लीक गिरोह के साथ संपर्क तो नहीं था।
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