Saryu Rai statement:
जमशेदपुर। विधायक सरयू राय ने चाईबासा ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना को राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही बताया है। मामले में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और विभागीय सचिव को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि केवल सिविल सर्जन का निलंबन इस अमानवीय घटना की जवाबदेही तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और सचिवालय दोनों जिम्मेदार हैं।
मंत्री और सचिव से स्पष्टीकरण मांगी जायेः
राय ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए कि अब तक राष्ट्रीय रक्त नीति (National Blood Policy) को झारखंड में लागू क्यों नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के किसी भी सरकारी ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली इस नीति के मानकों पर खरी नहीं उतरती।
विधानसभा में उठ चुका है मामलाः
उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा में 11 मार्च 2022 को उनके एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया था कि राज्य में रक्त संग्रह की बुनियादी शर्तों का भी पालन नहीं हो रहा है। उस समय सरकार ने सुधार का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यहां तक कि जिन अस्पतालों ने रक्त संग्रह अभियान नहीं चलाया, उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
23 जिलों में ब्लड सेपरेशन यूनिट नहीः
राय ने बताया कि राज्य के 24 जिलों के सदर अस्पतालों में से केवल रांची सदर अस्पताल में ब्लड सेपरेशन यूनिट कार्यरत है, जबकि रिम्स (रांची) और एमजीएम (जमशेदपुर) में भी यह सुविधा उपलब्ध है। शेष 23 जिलों में यह यूनिट अब तक स्थापित नहीं की गई है। इसके कारण रक्त से प्लेटलेट्स, आरबीसी और प्लाज्मा अलग करने की सुविधा वहां उपलब्ध नहीं है।
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