Ghatsila by-election:
रांची। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव अब पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुका है। इस सीट पर भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर है और दोनों दल अपने-अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके हैं। 2 से 5 नवंबर के बीच घाटशिला में राजनीतिक पारा चरम पर रहेगा जब गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, और झामुमो की विधायक कल्पना सोरेन जैसे बड़े नेता चुनावी रैलियों में उतरेंगे।
भाजपा की तैयारी
भाजपा ने अपने प्रचार अभियान को लेकर जोरदार रणनीति बनाई है। पार्टी ने केंद्रीय नेतृत्व को अपने शीर्ष नेताओं के कार्यक्रमों का प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, जी. कृष्णण रेड्डी, और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी शामिल हैं।
भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। उनके प्रचार की कमान पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने खुद संभाली है। उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का पूरा समर्थन मिला है। वहीं, आजसू प्रमुख सुदेश महतो एनडीए गठबंधन के लिए कुड़मी वोटरों को साधने में जुटे हैं।
झामुमो का चुनावी मोर्चा
दूसरी ओर, झामुमो की ओर से हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को स्टार प्रचारक के रूप में उतारने की तैयारी है। दोनों नेता 2 नवंबर के बाद घाटशिला पहुंचेंगे। झामुमो प्रत्याशी चंद्र सोमेश सोरेन स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क अभियान में सक्रिय हैं। परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ और स्थानीय विधायक बूथ प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
निर्णायक होंगे कुड़मी वोटर
इस उपचुनाव में लगभग 28 हजार कुड़मी वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इन्हीं वोटों को साधने के लिए सुदेश महतो और जयराम महतो दोनों सक्रिय हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, घाटशिला उपचुनाव झारखंड की सियासत का लिटमस टेस्ट साबित हो सकता है।
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