Blood banks Licenses:
चाईबासा। चाईबासा में थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद HIV संक्रमण की पुष्टि के मामले ने झारखंड के स्वास्थ्य तंत्र को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों की स्थिति और संचालन व्यवस्था पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर के 82 ब्लड बैंकों का ऑडिट पूरा कर रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे मंगलवार यानी आज कोर्ट में सौंपा जाएगा।
17 ब्लड बैंकों का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश:
विभागीय सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में 17 ब्लड बैंकों के लाइसेंस रद्द कर उन्हें स्थायी रूप से बंद करने की सिफारिश की गई है। इनमें से 10 ब्लड बैंकों की स्थिति बेहद खराब पाई गई न तो जरूरी सुविधाएं उपलब्ध थीं, न ही कोई मानक पूरे किए जा रहे थे। बाकी सात ब्लड बैंकों को सुधार का मौका दिया जाएगा। यदि वे निर्धारित समय सीमा में सभी मानक पूरे करते हैं, तो उनके संचालन की अनुमति फिर से दी जा सकती है।
नई एसओपी और सख्त निगरानी व्यवस्था लागू:
स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड बैंक संचालन के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार कर ली है, जिसे आज कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। नई एसओपी के अनुसार —
• हर तीन महीने में ब्लड बैंकों का निरीक्षण अनिवार्य होगा।
• उपकरण, रिकॉर्ड और प्रक्रिया की नियमित जांच की जाएगी।
• ब्लड बैंक का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर, जबकि कंपोनेंट यूनिट वाले बैंकों के लिए 350–360 वर्गमीटर तय किया गया है।
• सभी बैंकों को कंप्यूटराइज्ड संचालन करना होगा।
• रक्त जांच में केवल एलाइजा या केमी पद्धति की अनुमति होगी, रैपिड किट जांच पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
राज्यव्यापी रक्तदान अभियान 12 से 28 नवंबर तक:
रक्त की कमी को दूर करने के लिए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (SBTC) ने 12 से 28 नवंबर तक राज्यव्यापी स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने की। अभियान का लक्ष्य सुरक्षित रक्त उपलब्धता सुनिश्चित करना और जनता में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
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