Health Insurance Plan:
रांची। झारखंड सरकार के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए लागू की गयी राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की विसंगतियां दूर की जाएगी। अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बुधवार को इसके लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलायी है। इस बैठक में केस स्टडी के आधार पर गड़बड़ियों, विसंगतियों और अन्य खामियों को दूर किया जाएगा। बता दें कि राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना में विसंगतियों, खामियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। राज्यकर्मियों में इसे लेकर काफी असंतोष था।
Health Insurance Plan: कई तरह की खामियां आईं सामनेः
अब तक स्वास्थ्य विभाग और सरकार के शीर्ष स्तर को मिली जानकारी के अनुसार कई तरह की खामियां सामने आ रही है। उनमें अस्पतालों के इंपैनलमेंट का अधिकार बीमा कंपनी को दे दिया गया है। इस कारण सूचीवद्ध अस्पतालों में कायदे के हॉस्पिटल शामिल नहीं किए गए हैं। इतना ही नहीं रोग विशेष के लिए अस्पतालों को इंपैनलमेंट कर दिया गया है। पैकेज के कारण भी कई तरह
Health Insurance Plan: की परेशानियां आ रही है। इलाज कराना हो रहा मुश्किलः
एक ही दर पर छोटे और बड़े अस्पतालों में इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। छोटे अस्पताल कम राशि पर भी इलाज करने को तैयार हो जा रहे हैं, जबकि बड़े और प्रतिष्ठित अस्पताल उस तय राशि पर इलाज करने से साफ साफ मना कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बीमा की तय अधिकतम 5 लाख की राशि में कहीं भी इलाज कराने के छूट होनी चाहिए।
Health Insurance Plan: नये सिरे से टेंडर डोक्युमेंट तैयार करने का निर्देश
यहां मालूम हो कि राज्यकर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना का काम टाटा एआईजी को दिया गया है। टेंडर में एल-वन आने के कारण उसे काम मिला है। लेकिन झारखंड राज्य आरोग्य सोसाईटी द्वारा तैयार किए गए टेंडर डोक्युमेंट में कई तरह की विसंगतियां होने के कारण विभाग के अपर मुख्य सचिव ने फिर से टेंडर डोक्युमेंट तैयार करने का निर्देश दिया है। उसमें राज्य के प्रत्येक जिले के दो अच्छे अस्पतालों के अलावा विभिन्न राज्यों की राजधानियों के भी दो-दो प्रसिद्ध अस्पतालों को सूचीवद्ध करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार टाटा एआईजी द्वारा स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन में सुधार नहीं लाने की स्थिति में कंपनी में भी सरकार बदलाव कर सकती है।
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