रांची। झारखंड सोलर पावर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। राज्य के 31 जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर पावर की 900 मेगावाट (MW) उत्पादन क्षमता विकसित करने की योजना है। इन प्रोजेक्ट्स में न्यूनतम उत्पादन क्षमता दो मेगावाट होगी।
कोडरमा में 10 मेगावाट का सोलर प्लांट काम करना शुरू कर चुका है, और वहां के रिजर्वायर में छह मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग पावर प्लांट का निर्माण जारी है। भविष्य में कोडरमा से कुल 171 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद है।
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कि निर्माण कार्य शुरू
तिलैया डैम में 155 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि गिरिडीह में 17 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए 34 एकड़ भूमि की तलाश की जा रही है।
टाटा स्टील के कूलिंग पौंड से वर्तमान में 10.8 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसमें पांच-पांच मेगावाट के दो फ्लोटिंग प्लांट लगाए गए हैं।
सोलर पावर प्लांट चांडिल डैम में स्थापित किया जाएगा
राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट चांडिल डैम में स्थापित किया जाएगा, जिसमें 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता होगी। तेनुघाट डैम में भी 400 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाने की योजना है, जो पीपीपी मोड में कार्यान्वित होगा।
इसके अलावा, बोकारो और गुमला में ऊपरी शंख डैम पर फ्लोटिंग पावर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया भी जारी है, और गेतलसूद डैम में 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की योजना को वर्ल्ड बैंक से सहयोग मिल रहा है।
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