IAS Vinay Chaubey:
रांची। झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे एक बड़े शराब घोटाले को लेकर जांच एजेंसियों के घेरे में हैं। बतौर उत्पाद सचिव, उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) को झारखंड की नई शराब नीति तैयार करने का जिम्मा सौंपा था, जिसके लिए कंपनी को ₹1.25 करोड़ का भुगतान किया गया। आरोप है कि CSMCL ने छत्तीसगढ़ में इस्तेमाल की गई विवादित नीति को ही झारखंड में लागू करने की सिफारिश की, जिससे शराब सिंडिकेट को फायदा हुआ। इस नीति में ऐसी शर्तें शामिल थीं जो केवल बड़े कारोबारियों को ठेका दिला सकें, जैसे कि ठेका लेने वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर ₹100 करोड़ होना चाहिए।
IAS Vinay Chaubey:सहमति लेने में असफल
इस प्रक्रिया में चौबे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्पाद मंत्री और मुख्य सचिव से इस नीति पर औपचारिक सहमति लेने की कोशिश की, लेकिन उनके बुलावे के बावजूद कोई भी वरिष्ठ अधिकारी उस बैठक में शामिल नहीं हुआ। बावजूद इसके, नीति को आंशिक संशोधनों के साथ लागू कर दिया गया। बाद में झारखंड और छत्तीसगढ़ के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की। ईडी ने चौबे सहित कई अफसरों और व्यापारियों के रांची व रायपुर स्थित 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
IAS Vinay Chaubey: एसीबी कोर्ट ने की उनकी जमानत याचिका खारिज
फिलहाल विनय चौबे न्यायिक हिरासत में हैं और स्वास्थ्य कारणों से रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। एसीबी कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला राज्य की प्रशासनिक पारदर्शिता, राजनीतिक संरक्षण और शराब कारोबार में निजी हितों की साजिश की ओर इशारा करता है, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ और नीति निर्माण की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। मामले की आगे की जांच से और बड़े खुलासे की उम्मीद की जा रही है।
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