रांची। झारखंड विधानसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने बाबूलाल मरांडी से सवाल किया कि अलग राज्य बनने पर उनकी सरकार ने अविभाजित बिहार के समय ओबीसी को मिल रहे 27 फीसदी आरक्षण को घटा कर 14 फीसदी क्यों कर दिया था। उस समय ओबीसी की जनसंख्या तो नहीं घटी थी।
इस पर प्रदीप यादव ने बाबूलाल मरांडी की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग आदिवासियों के हिमायती नहीं हैं। तभी तो लोकसभा में झारखंड को दो टुकड़ों में बांटने की मांग करते हैं।
वर्ष 2000 में ओबीसी का आरक्षण 27 से 14 फीसदी किए जाने में नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के आरोप पर बाबूलाल मरांडी चुप नहीं रहे।
उन्होंने बताया कि अलग राज्य बनने के बाद बिहार में एसटी को दो फीसदी आरक्षण दिया गया। झारखंड में एसटी को 26 फीसदी और जनसंख्या के हिसाब से एससी को 10 फीसदी दिया गया, जो 50 फीसदी के दायरे में था।
इसमें शेष 14 फीसदी आरक्षण ओबीसी को दिया गया। दस्तावेजों को देख कर इसकी तथ्यात्मक जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने तो राज्य में 73 फीसदी आरक्षण दिये जाने का फैसला किया था। उसमें एसटी के
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