Jharkhand liquor agencies:
रांची। झारखंड में शराब की खुदरा दुकानों के संचालन से जुड़ी 11 प्लेसमेंट एजेंसियों पर अब भी ₹39.72 करोड़ रुपये का बकाया है। राज्य सरकार ने इन एजेंसियों की दी गई बैंक गारंटी जब्त कर ली है, लेकिन उसके बावजूद पूरा बकाया नहीं मिल सका है। अब सरकार ने इन एजेंसियों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है ताकि शेष राशि की वसूली की जा सके।
राज्य के उत्पाद विभाग ने दिया आदेश
राज्य के उत्पाद विभाग के आदेश पर झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) द्वारा की गई आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। रिपोर्ट के अनुसार, कुल ₹157.74 करोड़ रुपये का वित्तीय अंतर पाया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कई एजेंसियां शराब बिक्री से प्राप्त राशि को JSBCL के खाते में जमा नहीं कर रही थीं और न ही उसका पूरा लेखा-जोखा दे रही थीं।
सरकार द्वारा बैंक गारंटी जब्त करने के बाद ₹75.63 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई, लेकिन दुकानों के हैंडओवर, बचे माल और कर्मियों के मानदेय की राशि घटाने के बाद भी ₹39.72 करोड़ रुपये का हिसाब बाकी है।
आंतरिक जांच
आंतरिक जांच में यह भी सामने आया कि इन एजेंसियों ने अपने कर्मचारियों को ₹135.83 करोड़ रुपये से अधिक का मानदेय अब तक नहीं दिया है। इससे कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है और उत्पाद विभाग पर दबाव बढ़ गया है कि लंबित भुगतान जल्द किया जाए।उत्पाद सचिव ने अब सभी संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बकाया एजेंसियों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज कर सरकारी राजस्व की वसूली सुनिश्चित की जाए।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल राजस्व की भरपाई करना है बल्कि शराब दुकानों के संचालन से जुड़े तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना भी है।
इस घोटाले ने एक बार फिर झारखंड के शराब वितरण तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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