JTET exam news:
रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने लंबे समय से आयोजित न होने वाली झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JETET) को लेकर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत में बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह को तलब कर जवाब देने का आदेश दिया। अदालत ने साफ संकेत दिए कि अगर सरकार JETET परीक्षा कराने में नकारात्मक रवैया अपनाती है तो शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर पूरी तरह रोक लग सकती है।
9 साल से लंबित JETET
कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर 2016 के बाद से JETET का आयोजन क्यों नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बिना JETET परीक्षा के 26,001 सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है। इस मामले में 401 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर JETET आयोजित कराने और सहायक आचार्य परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष
अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और कुशल कुमार ने अदालत को बताया कि पिछले नौ वर्षों से JETET आयोजित नहीं होने के कारण हजारों अभ्यर्थी शिक्षक बनने के अवसर से वंचित रह गए हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि शिक्षक बनने के लिए TET पास होना अनिवार्य है, लेकिन सरकार बिना JETET आयोजित किए ही नियुक्ति प्रक्रिया चला रही है, जिससे अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकार हनन हो रहे हैं।
अगली सुनवाई अहम
कोर्ट ने शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह को 25 सितंबर सुबह 10:30 बजे व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि इस सुनवाई के बाद राज्य सरकार को JETET आयोजित कराने पर ठोस कदम उठाने पड़ सकते हैं। इस मामले में कोर्ट के फैसले का असर राज्य में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया और लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ सकता है।
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